देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और सोवा- रिग्पा के प्राचार्य हेतु संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यक्रम के लिए दिनाँक 10 से 14 जुलाई तक होने वाली कार्यशाला का प्रारंभ नीपा संस्थान में हुआ।
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान ( नीपा) व भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग(एनसीआईएसएम), आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में प्रारंभ हुए इस आयोजन में एनसीआईएसएम आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी,नीपा से वाइस चांसलर प्रोफेसर शशिकला गुलाबराव वंजारी द्वारा दीप प्रज्वलित व आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष श्रीनिवासन प्रसाद बुदरु, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट, बोर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के मेंबर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय,आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी, प्रोफेसर डॉ.रजनी ए. नायर,प्रो. डॉ नारायण एस.जाधव,मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की सदस्य डॉ.आरती पि.एस व नीपा से प्रोफेसर कुमार सुरेश ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । कार्यशाला में देश भर से आये प्राचार्यों को संबंधित करते हुए आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यक्रम के विस्तार,मौजूदा स्थिति व भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया ।
A Memorandum of Understanding has been signed by Medical Assessment & Rating board of Indian System of Medicine under National Commission for Indian System of Medicine
and Quality Council of India ( QCI) for rating of all ASU&SR colleges at the office of Chairman, National Commission for Indian System of Medicine, in the presence of Hon'ble Chairman of NCISM Vaidya Jayant Deopujari, President BoA Dr. Sreenivasa Prasad Budru,President BUSS Dr. K Jagannathan,President MARBISM Dr.Raghurama bhatta U, President BoER Prof.Vaidya Rakesh Sharma, I/C Secretary Prof.(Dr) B.L Mehra and Member MARBISM Dr. Arathi P. S. with the officials from Quality Council of India ( QCI) by Prof (Dr) Varinder S Kanwar, CEO-NABET, Sr.Advisor Ms.Madhu Ahluwalia, Assistant Director QCI Dr.Gaurang Tiwari, Assistant Director NABET-QCI Adiba Faiz, on 04.07.2023. The Purpose and scope of this MoU is to provide a way to compare Institutions, Benchmark performance, identify areas of improvement and promote the culture of excellence, where rating helps to ensure that higher education is accessible, affordable and of highest quality. The criteria considering for rating the colleges includes the faculty ratio, infrastructure, industry collaboration and placement records. Each parameter is assigned specific weightage to determine the overall rating of the college as per MSR regulations. Ministry of Ayush, Government of India Ministry of Health and Family Welfare Sarbananda Sonowal Quality Council of India
भारतीय चिकित्सा पद्धति सलाहकार परिषद की द्वितीय बैठक का आयोजन दिनांक 16/06/2023 को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिषद नई दिल्ली में हुआ। बैठक की अध्यक्षता भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव
पुजारी द्वारा की गई । जिसमे एनसीआईएसएम के सभी बोर्ड अध्यक्ष व सलाहकार परिषद के सदस्य शामिल हुए। बैठक में सभी बोर्ड अध्यक्षों ने अपने-अपने बोर्ड के विगत वर्षों में किए गए कार्यो से अवगत कराया व आगामी वर्ष में होने वाले कार्यो की रूपरेखा बोर्ड द्वारा रखी गई । बैठक में बोर्ड ऑफ़ आयुर्वेदा के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉक्टर ) श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु, बोर्ड ऑफ युनानी सिद्धा एवं सोवा-रिग्पा के अध्यक्ष डॉक्टर के.जगन्नाथन, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ.रघुराम भट्ट, बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष प्रो. वैद्य श्री राकेश शर्मा,आयोग के प्रभारी सचिव प्रोफेसर( डॉक्टर) बी.एल मेहरा सहित अन्य सलाहकार परिषद के सदस्य मौजूद रहे। माननीय सभापति महोदय के अनुमोदन से एनसीआईएसएम सचिव प्रभारी द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ बैठक संपन्न हुई। Ministry of Ayush, Government of India Ministry of Home Affairs, Government of India Rajbhasha Sarbananda Sonowal
#द्वितीय_स्थापना_दिवस....भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग नई दिल्ली... देश भर में आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा तथा सोवा रिग्पा के शिक्षण संस्थानों में पाठ्यक्रम और अन्य मानकों में स्थापना स्थापित करने के उद्देश्य से 21 सितम्बर 2020
को भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के भारत के राजपत्र में शामिल होने उपरांत बेहतर कार्यशैली की रचना के लिए 14 जून 2021 से आयोग के कार्य प्रारंभ दिवस को आज दिनाँक 14 जून 2023 को द्वितीय स्थापना दिवस के रूप में मनाया । कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर आयुष मंत्रालय से स्पेशल सेकेट्री श्री प्रमोद कुमार पाठक जी ने शिरकत की । कार्यक्रम में पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोग के सभापति श्री जयंत देव पुजारी जी के नेतृत्व में कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ ,जिसमें सभी बोर्ड अध्यक्ष, सदस्य , सचिव,वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों व मुख्य अतिथिगण ने कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज की ।
NCISM and CCRUM sign MoU for research collaboration
New Delhi, August 02, 2023: The Central Council for Research in Unani Medicine (CCRUM), Ministry of Ayush, Government of India entered into an umbrella MoU with National Commision for Indian System of Medicine (NCISM), New Delhi to foster collaboration in the area of research, education and training in Unani Medicine at CCRUM headquaters today.
The MoU was signed by Vaidya Jayant Yeshwant Deopujari, Chairman, NCISM and Dr. N. Zaheer Ahmed, Director General, CCRUM in the gracious presence of Dr. K. Jagannathan, President, Board of Unani, Siddha and Sowa-Rigpa, NCISM, Dr. B.S. Prasad, President, Board of Ayurveda, NCISM, Dr. Raghuram Bhatta, President, Medical Assessment and Rating Board, NCISM, Dr. Rakesh Sharma, President, Board of the Ethics and Registration, NCISM, (Dr.) B.L. Mehra, Secretary and Member, Medical Assessment and Rating Board , form NCISM. and Dr. Ghazala Javed, Research Officer (Unani), S-IV, Dr. Pawan Kumar Yadav, Research Officer (Cl. Path.), S-IV, Dr. Amanullah, Research Officer (Unani), S-IV were present from CCRUM.
On the occcasion, Vaidya Jayant Yeshwant Deopujari, Chairman, NCISM has put forward his valuable inputs and also appreciated the efforts of CCRUM and assured full cooperation of CCRUM for implementing the objective of the MoU.
As per the MoU, The NCISM agrees to endorse various postgraduate, doctoral programmes, fellowship programme, certificate courses, post-doctoral fellowship of CCRUM, Studentship Program for Unani Research (SPUR-UG and SPUR-PG), and any other program implemented by CCRUM in future. The NCISM also agrees to conduct joint workshops/ seminars/ conferences/ trainings to promote CCRUM’s various schemes/ programs. It was also agreed that steps will be taken to ensure publications of CCRUM are adopted as a part of reference book for various courses.
Ministry of Ayush, Government of India Ministry of Ayush Secretary Rajbhasha Central Council for Research in Ayurvedic Sciences Quality Council of India Ministry of Cooperation, Government of India Sarbananda Sonowal Ministry of Home Affairs, Government of India
AYUSH-Unani All India Institute of Ayurveda, New Delhi
#तृतीय_संस्थागत_योजना_एवं_ #प्रशासन_में_क्षमता_विकास कार्यशाला( 07 से 11 अगस्त,2023)
देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और सोवा- रिग्पा के प्राचार्य हेतु संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यशाला के लिए सोमवार दिनाँक 07 से 11 अगस्त तक होने वाली कार्यशाला का आरंभ नीपा संस्थान में हुआ जिसमें देशभर के 30 वरिष्ठ शैक्षणिक प्रशासक, संकाय के डीन और कॉलेजों के प्राचार्यों ने भाग लिया।
तृतीय कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलित के साथ हुई। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता नीपा कुलपति प्रोफेसर शशिकला गुलाबराव वंजारी द्वारा की गई।
कार्यशाला में आयोग के बोर्ड ऑफ यूनानी, सिद्धा सोवा रिगपा के अध्यक्ष श्री के.जगन्नाथ, बोर्ड ऑफ आयुर्वेद मेम्बर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय,नीपा से प्रोफेसर कुमार सुरेश सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
कार्यशाला में देश भर से आये प्राचार्यों को संबंधित करते हुए आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यक्रम के विस्तार, मौजूदा स्थिति व भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया ।
एनसीआईएसएम आयोग के बोर्ड ऑफ यूनानी सिद्धा सोवा रिगपा के अध्यक्ष के.जगन्नाथ ने देशभर से आये प्राचार्यों को संबोधित करते हुए कहा कि इस पांच दिवसीय आयोजन में प्राचार्य बेहतरीन कार्यशैली सीखेंगे जिससे शिक्षा में बेहतरीन कार्य होगा।
आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद मेम्बर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय ने कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। कार्यक्रम के निदेशक (शैक्षणिक) प्रोफेसर कुमार सुरेश ने कार्यक्रम का खाका प्रस्तुत किया और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रोफेसर ए.के. सिंह, प्रमुख, शैक्षिक नीति विभाग, नीपा कार्यक्रम के निदेशक और डॉ. अंशू श्रीवास्तव, एसोसिएट प्रोफेसर कार्यक्रम की समन्वयक हैं।
Union Minister for Health & Family Welfare, Dr Mansukh Mandaviya delivers keynote address
at the concluding session of WHO Global Summit on Traditional Medicine in the presence of Shri Sarbananda Sonowal, Union Minister of AYUSH
Integration of Traditional Medicine with modern medicine would contribute to advancing the health system attributes related to quality, efficiency, equity, accountability, sustainability and resilience: Dr. Mansukh Mandaviya
“During the COVID-19 crisis, traditional medicines had played a very important role through scientific and evidence-based medicines in terms of preventive, therapeutic and public health management”
Gandhinagar:-“Integration of Traditional Medicine with modern medicine would contribute to advancing the health system attributes related to quality, efficiency, equity,
accountability, sustainability and resilience.” This was stated by Dr. Mansukh Mandaviya, Union Minister of Health and Family Welfare, in the presence of Shri Sarbananda Sonowal,
Union Minister of Ayush and Dr. Tedros Adhanom Ghebreyesus, Director-General, World Health Organization during his valedictory address at the G20 co-branded event, WHO Traditional
Medicine Global Summit, co-hosted by the Ministry of Health & Family Welfare and the Ministry of Ayush. Shri Mahendra Munjapara, Union Minister of State for AYUSH and Dr Bharati Pravin Pawar
and Prof. S P Singh Baghel, Union Ministers of State for Health and Family Welfare were also present.
The two – day Global Summit for Traditional Medicine, with the theme “Towards Health and Well-being for All” explored the role of traditional complimentary and integrative
medicine in addressing pressing health challenges and driving progress in global health and sustainable development.
Speaking on the occasion, Dr. Mandaviya said, “Since the advent of a public health systems approach, there has always been a focus on providing holistic health services centred around the principles of
healthcare integration. WHO’s Global Conference on Primary Health Care, 2018 & Declaration of Astana on Primary Health care had also mentioned that the success of primary healthcare will be driven by
applying scientific as well as traditional knowledge and by extending access to a range of healthcare services, which include traditional medicines.”
On the different types of traditional medicinal practices that are followed in member states, such as Ayurveda, Traditional Chinese medicine, Herbal medicine etc, the Union Health Minister said,
“In India, under the leadership of the Hon’ble Prime Minister, we have a specific focus on Traditional Medicine & established a separate Ministry of AYUSH, which includes Ayurveda, Yoga, Unani, Siddha,
and Homoeopathy.”
He highlighted that “during the COVID-19 crisis, traditional medicines had played a very important role through scientific and evidence-based medicines in terms of preventive, therapeutic and public health
management”. “Ministry of Health and the Ministry of AYUSH works closely to integrate, endorse, and develop holistic health, including through availability of traditional medicines and yoga in 150,000+ Health
& Wellness Centres and by establishing centres of integrated medicines in our tertiary hospitals”, he stated.
Dr Mandaviya said, “under the overarching theme of India’s G20 Presidency of ‘One Earth, One Family & One Future’ and focus on reducing fragmentation and enhancing convergence, this meeting will be a torch
bearer for effective health systems strengthening and will bring additional research, evidence and innovation to help us meet health-related Sustainable Development Goals.”
Shri Sarbananda Sonowal said that “the Ayush industry's evolution to holistic healthcare aligns with a global shift in health consciousness. This trend recognizes that health encompasses physical, mental,
emotional and spiritual dimensions.” He noted that the summit will help identify potential areas for collaboration and innovation in traditional medicines and help harness traditional medicine in achieving
Universal Health Coverage goals.
Highlighting that the pandemic has underscored the significance of holistic health approaches, leading to a surge in interest and recognition for AYUSH systems, the Union AYUSH Minister said,
“the AYUSH systems of medicine like Ayurveda emphasizes equally on prevention and treatment parts of healthcare. Practices like yoga helps in mind and body healing.”
Shri Sonowal also emphasized on the versatility of AYUSH across different industries. He said, “the pharmaceutical and food processing sectors benefit from the demand for herbal remedies and natural products,
while the diagnostic sector gains from AYUSH's preventive focus. This synergy amplifies India's healthcare ecosystem, contributing to economic growth and healthcare sustainability.”
Dr. Tedros Adhanom Ghebreyesus said, “Traditional medicines never had this kind of attention from governments, even though they have been practiced since millennia. Many of the important treatments of
conventional medicines have their origin in traditional medicines like treatment for small pox.” He regretted that Traditional Medicinal practices are mostly stigmatized as unscientific but emphasized that
they have their own utility as well. “Recognizing the benefits in the use of traditional medicines, WHO recently established the Global Centre for Traditional Medicine in Jamnagar, Gujarat”, he stated.
Dr. Ghebreyesus appreciated India’s role in promoting the use of traditional medicines and hoped that this first-ever summit on traditional medicines will be a catalyst for bringing together modern science
and traditional knowledge in making health systems better.
Shri Sudhansh Pant, Secretary, Ministry of Health and Family Welfare: Shri Rajesh Kotecha, Secretary, Ministry of AYUSH; Shri Lav Agarwal, Additional Secretary, Ministry of Health and Family Welfare;
and Dr. Poonam Khetrapal Singh, WHO Regional Director, South East Asia Region, also participated at the event. The event also witnessed the participation of scientists, practitioners of traditional medicine,
health workers and members of the civil society organizations from all over the world across the two days.
More than 75 nations participates in the first-ever global Summit on Traditional Medicine
Traditional Medicine has got unprecendented recognition: Sarbanand Sonowal
The first World Health Organization Global Summit on Traditional Medicine was inaugurated today at Gandhinagar, Gujarat alongside the G20 health ministerial meet. Director-General of WHO
Dr Tedros Adhanom Ghebreyesus and the Union Minister of Ayush, Shri Sarbananda Sonowal, Union Minister of Health and Family Welfare Dr. Mansukh Mandaviya were invited to light the ceremonial lamp
to the accompaniment of auspicious hymns dedicated to Dhanvantari, the god of Ayurveda.
Chief Minister of Gujarat Shri Bhupendra Rajnikant Patel, Union MoS for Ayush Dr Munjpara Mahendrabhai Kalubhai, and senior delegates of WHO were also present on this occassion
On his inaugural address Dr Tedros Adhanom said, “Traditional Medicine is as old as humanity itself. However, it is not a thing of the past. It has a growing relevance in communities
and cultures even today.” Commending the Indian Government's Ayushman Bharat Initiative, he praised the country's medical system. Dr Tedros also noted the seamless integration of traditional
medicine into primary healthcare in rural areas.
Addressing the gathering, Shri Sarbananda Sonowal said that the outcome of the historic WHO Traditional Medicine Global Summit will help to propose recommendations for a dedicated forum within future
G20 presidencies. He reminded the gathering that the integrative approach of the government of India is resulting in the establishment of dedicated Ayush Departments in all AIIMS. He said that
it all has happened just because Hon’ble Prime Minster Shri Narendra Modi ji had a clear vision about the efficacy of Ayush and he strongly supported the efforts to give allround boost to the
Ministry of Ayush for the benefit of masses of India and the world.
On this occasion, Dr Mansukh Mandaviya, highlighted the significant contributions of Mahatma Gandhi and Sardar Patel in nation-building. He emphasized that with the WHO GCTM leading the way
towards a more prominent role of traditional medicine in mainstream healthcare, India is well-positioned to become a knowledge hub and unlock the full potential of TM. The pharmaceutical and
cosmetic industries are both showing significant interest in traditional medicine and more than 170 countries around the world are utilizing it. The summit provides an ideal platform for
international collaboration and the exchange of ideas to promote best practices in the sector, he concluded.
Speaking next, the Chief Minister of Gujarat, Shri Bhupendra Patel shared how the Prime Minister Shri Narendra Modi believed that traditional medicine could play an effective role in dealing with a
crisis like the covid pandemic. Following this thought, he began connecting other countries of the world with the mission of Traditional Medicine. His initiative has now emerged as the world's
first Traditional Medicine Global Summit.
Many visitors were drawn to the experiential Ayush Exhibition Zone which took place alongside an exhibition of traditional medicine systems from WHO’s six regions. The theme of the exhibition was
‘Ayush for Planetary Health and Well-being’ and is envisioned with showcasing the achievements of the Ministry of Ayush in areas of Education, Healthcare, Research and Public health. The Zone welcomed
visitors with a display of medicinal plants including those used in Ayurveda.
The ministry's pursuit of sustainable Ayush manufacturing and zero-waste was highlighted through an impressive pavilion. The exhibition featured their recycling practices and interactive kiosks,
which allowed visitors to access comprehensive information about Ayush, including the location of all Ayush hospitals and a digital library with research papers related to the field.
A virtual reality experience of Ayush Healthcare services was available. The mythical wish-fulfilling tree, the Kalpavriksha was the highpoint of the Ayush Exhibition Zone. In addition,
visitors could engage in an immersive experience, featuring an AI-based Ayurveda Pulse diagnosis, body constitution analysis, and even a live Yoga demonstration.
Union Health Minister Dr. Mansukh Mandaviya delivers keynote address at the Ministerial meeting – Sustain, Accelerate and Innovate to end TB in the South-East Asia Region
Collaborative efforts, equitable access to diagnostic prevention, and treatment options are pivotal to ending TB as demonstrated by the pandemic: Dr. Mansukh Mandaviya
A significant milestone achieved in the signing of Gandhinagar Declaration which expresses confidence that the WHO SEARO Region will be able to end TB by 2030 with unrelenting,
concerted and synergistic actions in the right direction by all Member States with the support of partners, stakeholders and communities
Gandhinagar:- “Collective and collaborative efforts within South East Asian Region countries would be key to ending TB.” This was stated by the Union Health Minister,
Dr. Mansukh Mandaviya delivered keynote address at the Ministerial meeting – Sustain, Accelerate and Innovate to end TB in the South-East Asia Region co-chaired by
Dr. Tedros Adhanom Ghebreyesus, Director General, WHO at Gandhinagar today. They were joined by Dr Hans Henri Kluge, WHO Regional Director for Europe,
Dr. Poonam Khetrapal Singh, Director, WHO SEARO today.
Health Ministers of Member States of the WHO South- East Asia Region H. E Mr Zahid Maleque Hon’ble Minister of Health and Family Welfare, Bangladesh, H.E. Ms Lyonpo Dechen Wangmo, Hon’ble Minister of Health,
Bhutan, H.E Ms Safiyya Mohammed Saeed, Hon’ble Deputy Minister of Health, Maldives, H.E. Mr Mohan Bahadur Basnet, Hon’ble Minister of Health and Population, Nepal, H.E. Dr Keheliya Rambukwella,
Hon’ble Minister of Health, Sri Lanka also participated in the event. Mr. Budi G. Sadikin, Minister of Health of the Republic of Indonesia shared a
recorded message virtually. Ms. Dra Odete da Silva Viegas, Director General of Health Services, Timor-Leste, Ms. Francoise Vanni, Director of External Relations and Communications,
Global Fund also participated in the event.
The event witnessed a significant milestone in the signing of the Gandhinagar Declaration, the joint declaration by the Health Ministers and WHO SEARO.
The Declaration is cognizant that despite progress, the SE Asia Region has missed the 2020 milestones of the End TB Strategy and the 2022 coverage targets as per the political commitment made during
the UN High-Level Meeting on TB (UNHLM-TB) in New York on 26 September 2018. It expresses confidence that the WHO SEARO Region will be able to end TB by 2030 with unrelenting,
concerted and synergistic actions in the right direction by all Member States with the support of partners, stakeholders and communities. The Gandhinagar Declaration commends the initiatives taken by
Member States to enhance community approach against tuberculosis such as nutritional support to patients by individuals and groups, family-centric care, and financial
support to patients for nutrition- and treatment-related transportation, which accelerates progress towards better outcomes and also reduces stigma.
Lauding the visionary leadership of Prime Minister, Shri Narendra Modi, Dr. Mandaviya reiterated India’s commitment of eliminating TB from India by 2025, five years ahead of the global
Sustainable Development Goals. Dr. Mandaviya noted collaborative efforts, equitable access to diagnostic prevention, and treatment options are pivotal to ending TB as demonstrated by the pandemic.
Elaborating further, he added “combating the prevalent stigma against TB in the society, India has been committed to providing, enabling and patient-centric support to all, individuals suffering from TB.”
The Health Minister elaborated “India has leveraged the power of data-driven decisions by developing its own mathematical model to estimate TB burden using local evidence. Through its dedicated efforts,
India has achieved a 13% reduction in TB incidence and a 15% decrease in mortality from 2015 to 2022, performing better than global averages.” He further added “Through enhanced private sector engagement
and sustainable models the notification of TB has improved by as high as 7 times in the past decade.” Highlighting the ‘RATION’ trail which was recently published, Dr. Mandaviya stated
“it validates the importance of nutrients in reducing, TB mortality as well as incidence.”
In its mission to eliminate TB and combat stigma, the Health Minister enumerated measures of implementing a family-centric care model, a first of its kind community engagement mechanism known as
‘Ni-kshay Mitras’ under Pradhan Mantri TB Mukt Bharat Abhiyan to provide additional nutritional, diagnostic, and vocational support to TB patients. He further added Ni-kshay Poshan Yojana
initiative for providing monthly nutritional support to those on TB treatment through Direct Benefit Transfer. It has successfully provided 7.5 million TB patients with over $244 million in their
respective bank accounts.
Lauding the progress and efforts for combating TB, Dr. Tedros Adhanom Ghebreyesus stated “I applaud the leadership of Prime Minister Shri Narendra Modi and the Health Minister
Dr. Mansukh Mandaviya for their remarkable steps towards ending TB.” He further added “I commend India for its innovative approach, multi-sector partnership efforts, and funding for ending TB.
This has given inspiration to other countries.” He stressed that global health crisis such as the pandemic have reversed the progress gained in many countries, and though the goal of eliminating
TB by 2030 seems ambitious, it is still achievable. He further added “We have new and powerful tools which reduce testing times, which are game- changers in treatment and healing of TB patients.”
Shri Sudhansh Pant, Secretary, Ministry of Health and Family Welfare shared best practices implemented in India in combating TB thus far, and enumerated measures on way forward stating “there is an increasing
focus on prevention more than cure”. Leading the measures is expansion of prevention interventions, followed by galvanizing community support, decentralized TB services through health and wellness centres,
He further recommended the use of technology using AI, adopting newer evidence-based drugs and diagnostics and driving innovation in programme operations.
Dr Poonam Khetrapal Singh emphasized on allocating adequate and sustainable domestic resources to meet TB service coverage targets, building on the substantial increases already achieved and stated
“We must continue to engage and empower TB-affected communities, not just listening to but truly hearing them.” She highlighted that it is imperative to “actively accelerate access to new TB tools,
technologies and treatment regimens that are people-centered, and which are delivered at the primary health care level, within the community.” She further added the vision of a South-East Asia Region
where TB is no longer a public health problem, menacing millions of people with disease, death, poverty, and despair will require the highest the highest level of political and operational commitment.
Elaborating further, Dr Poonam stated “I urge leaders from each country to establish a high-level multisectoral commission on TB, which could also help build health systems resilience and advance
universal health coverage and health security.” Addressing the gathering she said “Together we are bending the curve, and must now accelerate momentum, shaping history to our will. Let us seize the moment;
together, let us end TB.”
Hailing the transformative progress of treatment for TB, Dr Hans Henri Kluge stated “this is a revolution, that we now have a treatment regimen that reduces testing time from three days to two hours and
treatment regimens that reduce treatment time from eighteen months to six months.”
Dr. Atul Goel, Director General Health Services, Ms. Lamchonghoi Sweety Changsan, Additional Secretary and Mission Director (NHM), Ministry of Health and Family Welfare, Shri Vishal Chauhan, Joint Secretary,
Ministry of Health and Family Welfare, Government Officials, WHO officials, senior leaders of health organizations and agencies (ADB, Gates Foundation, Global Fund to Fight AIDS TB Malaria, JATA, Stop
TB partnership, The Union, UNAIDS, UNITAID, World Bank, and others), academics, civil society organizations, high level representatives from partner countries of Australia, Japan, South Korea,
United Kingdom and the United States also attended the event.
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग द्वारा देशभर के अनुभवी समन्वयकों के लिए दो दिवसीय ( 22-23 अगस्त, 2023) "अनुसंधान परियोजना के समन्वयकों के लिए प्रशिक्षण" कार्यक्रम का शुभारंभ आयोग परिसर में दीप प्रज्वलित कर किया गया।
जिसमें मुख्यातिथि के तौर पर आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी सहित आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा,आयोग के सचिव प्रो(डॉ.) बी एल मेहरा, आचार एवं पंजीयन बोर्ड की सदस्य व अनुसंधान परियोजना के लिए नोडल अधिकारी प्रो (डॉ.) रजनी नायर शामिल रहे।
कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिक सत्र में डेटा संग्रह के उपकरण पर प्रकाश डालने हेतु, डॉ.भावना पराशर,डॉ शगुफ्ता नसरीन,कार्यप्रणाली पर डॉ अनिल कुमार,भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान ( बाईसेग) से मैनेजर (आईटी) गूँजन कंवर, सहित अन्य गणमान्य समन्वयकों ने विचार प्रस्तुत किये।
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग की 16वीं बैठक का आयोजन दिनाँक 28 अगस्त 2023 को कार्यालय परिसर में किया गया। बैठक की अध्यक्षता भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सभापतिवैद्य श्री जयंत देवपुजारी द्वारा की गई ।
कार्यक्रम में बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर ( डॉक्टर) श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु,बोर्ड ऑफ यूनानी सिद्ध एवं सोवा-रिग्पा के अध्यक्ष डॉ. के. जगन्नाथन, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ.रघुराम भट्ट,बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष प्रो. वैद्य श्री राकेश शर्मा, आयोग के प्रभारी सचिव प्रोफेसर (डॉक्टर.) बी.एल. मेहरा, सलाहकार आयुष मंत्रालय डॉ.मनोज नेसरी, सलाहकार यूनानी आयुष मंत्रालय डॉ. एम.ए. कासमी,अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक प्रोफेसर तनुजा मनोज नेसरी, सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रोफेसर रबीनारायण आचार्य,राष्ट्रीय सिद्ध संस्थान चेन्नई की महानिदेशक प्रो. (डॉ.) आर. मीनाकुमारी, केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम),निदेशक एन ज़हीर अहमद,डायरेक्टर/उप कुलपति राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर, राजस्थान प्रोफेसर संजीव शर्मा, अंशकालिक सदस्य एनसीआएसएम डॉ सूर्यकिरण पी. वाघ,अंशकालिक सदस्य बिष्णु प्रसाद शर्मा, सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे ।
#हिंदी_दिवस.....#हिंदी_पखवाड़ा
दिनाँक 14 सितंबर से 29 सितंबर 2023 तक मनाये जाने वाले हिंदी पखवाड़ा का शुभारंभ भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा परिसर के आयुष सभागार में किया गया।
कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रो. ( वैद्य ) रबिनारायन आचार्य ने शिरक़त की । कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर धन्वंतरि वंदना द्वारा किया गया। जिसमें मुख्यातिथि सहित भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी ,बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर ( डॉक्टर) श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु ,बोर्ड ऑफ यूनानी सिद्ध एवं सोवा-रिग्पा के अध्यक्ष डॉ. के. जगन्नाथन , बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष प्रो. वैद्य श्री राकेश शर्मा, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के सदस्य व सचिव प्रो ( डॉ. ) बीएल मेहरा, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की सदस्य प्रो आरती पीएस ,बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के सदस्य डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय, बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के सदस्य ,प्रो. डॉ नारायण एस. जाधव, प्रो( डॉ.) रजनी ए.नायर, प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी, शामिल रहे ।
कार्यक्रम में एनसीआईएसएम के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी द्वारा मुख्यातिथि सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रो. ( वैद्य ) रबिनारायन आचार्य को पुष्पगुच्छ व शाल भेंट कर अभिनंदन किया गया।
आयोग के सचिव प्रो (डॉ ). बी एल मेहरा द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। हिंदी दिवस कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के सदस्य, प्रो. (डॉ) नारायण एस. जाधव ने हिंदी दिवस पर रिपोर्ट पेश की ।
आयोग के सभी बोर्ड अध्यक्षों द्वारा हिंदी दिवस पर अपने विचार रखते हुए ,हिंदी की महत्वता, प्रचार-प्रसार पर बल दिया गया।
कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर शामिल सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रो. ( वैद्य ) रबिनारायन आचार्य ने हिंदी प्रचार प्रसार,विभागीय तालमेल में हिंदी को अधिक से अधिक लोकप्रिय बनाने व राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशो की अनुपालनार्थ पर जोर दिया व अनुभवों को सांझा किया।
कार्यक्रम में आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी द्वारा पावरप्वाइंट प्रस्तुति दी गई । जिसमें राजभाषा नियम अधिनियम से संबंधित उपबंध, उपधाराओं, राजभाषा अधिनियम 1963,राजभाषा संकल्प 1968,राजभाषा नियम 1976,संसदीय राजभाषा समिति की सिफारिशों पर महामहिम राष्ट्रपति के आदेश एवं राजभाषा द्वारा जारी दिशा निर्देश , वार्षिक कार्यक्रम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी और जैसे कंठस्थ टूल , भाषणी ऐप, वाइस टाइपिंग ,यूनी कोड इत्यादि की जानकारी सांझा की ।
आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने सभी कर्मचारियों व सभागार में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथिगण को हिंदी के प्रचार प्रसार एवं कार्यालय में हिंदी के अधिक से अधिक प्रयोग हेतु शपथ दिलवाई।
कार्यक्रम में धन्यवाद संबोधन बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के सदस्य डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय द्वारा किया गया।
#पांचवें_संस्थागत_योजना_एवं_ #प्रशासन_में_क्षमता_विकास कार्यशाला( 11 से 15 सितंबर,2023)
देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और सोवा- रिग्पा के प्राचार्य हेतु संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यशाला के लिए सोमवार दिनाँक 11 से 15 सितंबर तक कार्यशाला का आयोजन नीपा संस्थान में हुआ जिसमें देशभर के 30 वरिष्ठ शैक्षणिक प्रशासक, संकाय के डीन और कॉलेजों के प्राचार्यों ने भाग लिया।
पांचवे कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलित के साथ हुई। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता नीपा कुलपति प्रोफेसर शशिकला गुलाबराव वंजारी द्वारा की गई।
कार्यशाला में आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद मेम्बर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय,नीपा से प्रोफेसर कुमार सुरेश सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
कार्यशाला में देश भर से आये प्राचार्यों को संबंधित करते हुए आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यक्रम के विस्तार, मौजूदा स्थिति व भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया ।
एनसीआईएसएम आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष श्री निवास प्रसाद बुदुरु ने देशभर से आये प्राचार्यों को संबोधित करते हुए कहा कि इस पांच दिवसीय आयोजन में प्राचार्य शिक्षा में बेहतरीन कार्यशैली का ज्ञान प्राप्त कर आयुर्वेद की शिक्षा को मजबूत बनाएंगे ।
आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद मेम्बर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय ने कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। कार्यक्रम के निदेशक (शैक्षणिक) प्रोफेसर कुमार सुरेश ने कार्यक्रम का खाका प्रस्तुत किया और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया।
#छठे_संस्थागत_योजना_एवं_ #प्रशासन_में_क्षमता_विकास कार्यशाला( 18 से 22 सितंबर,2023)
देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और सोवा- रिग्पा के प्राचार्य हेतु संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास के लिए दिनाँक 18 से 22 सितंबर तक होने वाली कार्यशाला का आरंभ नीपा संस्थान में हुआ जिसमें देशभर के 28 वरिष्ठ शैक्षणिक प्रशासक, संकाय के डीन और कॉलेजों के प्राचार्यों ने भाग लिया। , संकाय के डीन और कॉलेजों के प्राचार्यों ने भाग लिया।
छठे कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी एवं राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम संस्थान ( NI-MSME ) की महानिदेशक डॉ. एस. ग्लोरी स्वरूपा रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता नीपा कुलपति( प्रभारी) प्रोफेसर सुधांशु रंजन द्वारा की गई।
कार्यशाला में आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष डॉ श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु,बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के सदस्य डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय,नीपा से प्रोफेसर कुमार सुरेश सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
कार्यशाला में देश भर से आये प्राचार्यों को संबंधित करते हुए आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यक्रम के विस्तार, मौजूदा स्थिति व भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया ।
राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम संस्थान ( NI-MSME ) की महानिदेशक डॉ. एस. ग्लोरी स्वरूपा ने अपने अनुभवों को सांझा किया और देशभर से आये प्राचार्यों को संबोधित करते हुए कहा कि इस पांच दिवसीय आयोजन में प्राचार्य बेहतरीन कार्यशैली सीखेंगे जिससे शिक्षा में बेहतरीन कार्य होगा।
एनसीआईएसएम आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष डॉ. श्री निवास प्रसाद बुदुरु ने इस पांच दिवसीय आयोजन में प्राचार्यों को संबोधित करते हुए बेहतरीन कार्यशैली सीखने व शिक्षा में बेहतरीन कार्य क्षमता के बारे में विस्तार से बताया।
आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद मेम्बर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय ने कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। कार्यक्रम के निदेशक (शैक्षणिक) प्रोफेसर कुमार सुरेश ने कार्यक्रम का खाका प्रस्तुत किया और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया।
या और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया।
#आरोग्य_मंथन_2023
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
(एबीपीएम-जय) के पांच साल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के दो साल पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन मंगलवार 26 सितंबर को किया गया । इस दौरान दोनों योजनाओं से संबंधित चुनौतियों, रुझानों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा और विचार-विमर्श किया गया। आरोग्य मंथन 2023 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने समापन सत्र को संबोधित किया। कार्यक्रम में राज्य मंत्री (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल, सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण), सुधांश पंत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयन्त देव पुजारी,आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा, बोर्ड सदस्य प्रो. (डॉ) नारायण एस. जाधव ,प्रो( डॉ.) रजनी ए.नायर, प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी शामिल रहे ।
वहीं ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम में बेहत्तर कार्य करने वाले राज्यों को सम्मानित भी किया गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को आयुष्मान उत्तराखंड अवार्ड 2023 के दो पुरस्कारों से नवाजा। यह राष्ट्रीय पुरस्कार राज्य को आयुष्मान क्लेम सेटलमेंट औऱ डेली क्विक ऑडिट सिस्टम के सफल किर्यान्वयन के क्षेत्र में बेहत्तर कार्य करने के लिए दिया गया है।
Ministry of Ayush, Government of India Rajbhasha Ministry of Ayush Secretary All India Institute of Ayurveda, New Delhi Niepa_Official AYUSH-Unani AYUSH - UNANI Ayush-Ayurveda Sarbananda Sonowal Central Council for Research in Ayurvedic Sciences
#तृतीय_अखिल_भारतीय_राजभाषा_सम्मेलन_2023
14 से 29 सितंबर 2023 तक देशभर में मनाये जा रहे "हिंदी पखवाड़ा" के
अंतर्गत तृतीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन 2023 माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा भव्य आयोजन श्री शिव छत्रपति स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स, बालेवाड़ी, पुणे (महाराष्ट्र) में दिनांक 14-15 सितंबर, 2023 को किया गया।
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग की तरफ से प्रतिनिधित्व के तौर पर आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य प्रो.(डॉ.) नारायण एस. जाधव व डॉ. सिद्धलिंगेश एम. कुदरी ने भाग लिया।
हिंदी दिवस एवं तृतीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का संयुक्त आयोजन अत्यन्त भव्य एवं गरिमामयी रूप में किया गया जिसमे देश भर से दस हजार के लगभग हिंदी सेवियों ने प्रतिभागिता की।
राजभाषा विभाग द्वारा किया गया यह आयोजन संविधान सभा द्वारा सौंपे गए संवैधानिक उत्तरदायित्वों और संविधान की भावना के अनुरूप तथा प्रेरणा, प्रोत्साहन और सद्भावना की नीति के साथ, राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार करने और इसके प्रयोग को बढ़ाने का प्रयास रहा।
सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की उपस्थिति में हुआ। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार और केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा ने शिरक़त की।
कार्यक्रम में माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का वीडियो संदेश प्रसारित किया गया, जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदी पूरे देश को एक सूत्र में बांधने का माध्यम रही है ।
हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई संगोष्ठी और सत्र शामिल रहे। संगोष्ठी में “भारतीय सिनेमा और हिंदी, “सर्वसुलभ, सर्वसमावेशी एवं सर्वव्यापी भाषा – हिंदी”, “नराकास राजभाषा कार्यान्वयन का प्रभावशाली मंच”, “भारतीय भाषाओं से सशक्त होती हिंदी”, “रोजगार के बढ़ते अवसर हिंदी के परिप्रेक्ष्य में”, “हिंदी के विकास में मीडिया की भूमिका” “राजभाषा @ 2047 विकसित भारत का भाषायी परिदृश्य (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित)” जैसे विषयों को कवर करते हुए विभिन्न संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। इन सत्रों ने हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि और रणनीतियां प्रदान कीं। सम्मेलन के दौरान कई पुस्तकों जैसे : राजभाषा पथ-प्रदर्शक, राजभाषा नियम पुस्तक, जुलाई, 2023 (अद्यतन), हिन्दी शब्द सिंधु संस्करण-2, स्मारिका इत्यादि का भी लोकार्पण किया गया। तीन लाख 51 हजार शब्दों का शब्दकोश और एक ई-ऑफिस ऐप लॉन्च किया गया।
पुणे (महाराष्ट्र) में तृतीय राजभाषा सम्मेलन में भाग लेना आयोग के लिए एक ज्ञानवर्धक अनुभव रहा जिससे भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एन.सी.आई.एस.एम) के भीतर हिंदी राजभाषा के प्रचार के लिए समर्पण को और मजबूत किया जाएगा। आयोग में आधिकारिक संचार और संचालन में हिंदी के उपयोग को और बढ़ाने के लिए इस आयोजन से प्राप्त ज्ञान और रणनीतियों को लागू करने के लिए तत्पर आयोग रहेगा।
#स्वच्छता_ही_सेवा_2023
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग द्वारा 17 सितम्बर 2023 से शुरू स्वच्छता_ही_सेवा_2023 पखवाड़ा मनाया जा रहा है
जिसके तहत कार्यालय में सफ़ाई अभियान में गति लाई गई...अभियान 2 अक्टूबर 2023 तक चलाया जाएगा।
#स्वच्छता_ही_सेवा_2023
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग द्वारा 17 सितम्बर 2023 से शुरू स्वच्छता_ही_सेवा_2023 पखवाड़ा मनाया जा रहा है
जिसके अंतर्गत एन.सी.आई.एम चेयरपर्सन वैद्य जयंत देव पुजारी ने सभी बोर्ड अध्यक्ष,मेम्बर व कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई । स्वच्छता अभियान की इस वर्ष की थीम थीम 'कचरा मुक्त भारत' के बारे में बताते हुए सभापति महोदय ने स्वच्छता के प्रति शपथ दिलाने के उपरांत कहा किस्वच्छता का विचार केवल स्वच्छता पखवाड़ा के अनुपालन तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह एक निरंतर प्रयास होना चाहिए, जो धीरे-धीरे हमारे जीवन में इस तरह से शामिल हो सके, जिससे यह लोगों की एक आदत बन जाए। उन्होंने आगे कहा कि कर्मचारी अपने आसपास गंदगी न फैलने दे और सफ़ाई अभियान में गति लाये ।
उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा नागरिकों से 1 अक्टूबर 2023 को प्रातः 10 बजे स्वच्छ भारत के भाग के रूप में एक स्वच्छता पहल, श्रमदान में शामिल होने का आग्रह किया है।
इसके तहत परिसर में सभी भाग ले । उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी है और हर प्रयास मायने रखता है। स्वच्छ भविष्य का स्वागत करने के लिए इस श्रेष्ठ प्रयास में भागीदार बनें।''
Ministry of Ayush, Government of India Rajbhasha Sarbananda Sonowal Ministry of Ayush Secretary Niepa_Official Ministry of Health and Family Welfare PMO India Ministry of Home Affairs, Government of India Amit Shah Press Information Bureau - PIB, Government of India AYUSH - UNANI
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर गांधी जयंती से एक दिन पूर्व देशभर में चलाये गए स्वच्छता अभियान में भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग परिसर, मनाया जा रहा है
पंजाबी बाग में बॉर्ड अध्यक्ष, बॉर्ड मेम्बर,अधिकारी व कार्यरत कर्मचारियों द्वारा श्रमदान करके स्वच्छता अभियान चलाया और स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने की शपथ ली । स्वच्छता अभियान पश्चात योग भी किया गया।
स्वच्छता ही सेवा-2023 स्वच्छता कार्यक्रम में बॉर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के अध्यक्ष डॉ.श्रीनिवास प्रसाद बूदूरू,बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के सदस्य,प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी, व प्रो. डॉ.नारायण एस. जाधव, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की सदस्य प्रो.आरती पीएस,वरिष्ठ प्रशासन विजय कुमार व कर्मचारी मौजूद रहे।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर देशभर में चलाये गए स्वच्छता अभियान में
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य जयन्त देव पुजारी द्वारा दिनांक 01 अक्तूबर को एक तारीख एक घंटा एक उद्देश्य स्वच्छता ही सेवा मिशन के तहत नागपुर क्षेत्र में अपना श्रमदान रूपी आहुति दी।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर गांधी जयंती से एक दिन पहले देशभर में चलाये गए स्वच्छता अभियान में
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा द्वारा चंडीगढ़ सैक्टर 46 स्तिथ श्री धन्वन्तरि आयुर्वेद कालेज में स्वच्छता अभियान में भाग लिया।
#ABDM
एबीडीएम ( आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन) के लिए दिनांक 28 सितम्बर 2023 को भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण,
नई दिल्ली द्वारा आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड द्वारा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित मेन ची खांग-सोवा रिग्पा मेडिकल कॉलेज ( Men-Tsee- Khang, Sowa -Rigpa) और अस्पताल में सोवा रिग्पा चिकित्सकों के एबीडीएम (एचपीआर) के तहत पंजीकरण के संबंध में परामर्शदायी बैठक का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम मे आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो.(वैद्य ) श्री राकेश शर्मा, आयोग के मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के सदस्य व सचिव प्रो ( डॉ. ) बी एल मेहरा,बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के सदस्य ,प्रो. डॉ नारायण एस. जाधव एवं डॉ. सिद्धलिंगेश कुदरी , डॉ.अजय, डॉ अपर्णा,श्री.कुणाल अरोड़ा, एन.एच.ए एवं अन्य अधिकारी, स्टाफ़ मौजूद रहा । बोर्ड द्वारा 52 में से 48 चिकित्सकों का एबीडीएम (HPR) में पंजीकरण सफलतापूर्वक करवाया गया।
कार्यक्रम में बोर्ड अध्यक्ष प्रो.वैद्य श्री राकेश शर्मा ने चिकित्सों के मूलभूत अधिकारों के संदर्भ में तथा एच.पी.आर में पंजीकरण करने के महत्व को विस्तार से बताया । अपने वक्त्व रखते हुए श्री शर्मा ने कहा कि “स्वास्थ्य सेवा का भविष्य डिजिटल है, और एबीडीएम के साथ हम डिजिटल स्वास्थ्य सेवा को अपनाने में तेजी देखेंगे।
उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि इस मिशन के तहत नागरिक अपना आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनके डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ा जा सकेगा। इसका उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों को अस्पतालों, बीमा फर्मों और नागरिकों को आवश्यकता पड़ने पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुँचने में मदद करने हेतु डिजिटल स्वास्थ्य आईडी प्रदान करना है।
मिशन की विशेषताओं के बारे में बताते हुए कहा कि इससे निःशुल्क स्वास्थ्य आईडी, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएँ और पेशेवर रजिस्ट्री,आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन सैंडबॉक्स की जानकारी दी।
वैद्य श्री राकेश शर्मा ने संभावित लाभ के बारे में कहा कि इससे डॉक्टरों और अस्पतालों तथा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिये व्यवसाय करने में आसानी होगी। उनकी सहमति से नागरिकों के देशांतरीय स्वास्थ्य रिकॉर्ड (Longitudinal Health Records) तक पहुंँच और आदान-प्रदान को सक्षम बनाना। भुगतान प्रणाली में आए क्रांतिकारी बदलाव में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) द्वारा निभाई गई भूमिका के समान डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत करने में सहायक होगी। वही श्री राकेश शर्मा ने मिशन गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल के लिये "समान पहुँच" में सुधार करेगा क्योंकि यह टेलीमेडिसिन जैसी तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा और स्वास्थ्य सेवाओं की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी के सक्षम करने जैसे लाभ के बारे में विस्तार से बताया ।
कार्यक्रम में आयोग के सचिव एवं, सदस्यों द्वारा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, हील इन इंडिया एवं हील बाय इंडिया स्किम के बारे में विचार व्यक्त किये ।
कार्यक्रम की सफलता के लिए संस्थान के निदेशक श्री थुपतेन सेरींग एवं स्टाफ के परिश्रम के लिए आयोग द्वारा बधाई दी व आभार व्यक्त किया गया ।
भारत की चिकित्सा सुविधाओं के डिजिटलिकरण हेतु भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग,राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (भारत सरकार) एवं श्री सदगुरू विश्वनाथ महाराज रूकड़ीकर ट्रस्ट, स्वास्थ्य प्राधिकरण,
कोल्हापुर के सयुंक्त तत्वावधान में आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा चिकित्सकों के बीच आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के अंतर्गत चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन एवं हील इन इंडिया, हील बाय इंडिया जैसी पहल की जानकारी चिकित्सकों को देने हेतु दिनाँक 06 अक्टूबर 2023 को वर्धमान सांस्कृतिक केन्द्र, पुणे में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें लगभग 2,000 चिकित्सकों ने भाग लिया। इनमें से अधिकतर को हैल्थकेयर प्रोफेशनल रजिस्ट्री के अन्तर्गत पंजीकरण किया गया और शेष चिकित्सकों को जल्द ही रजिस्टर कर लिया जाएगा ।
कार्यक्रम में भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य जयंतदेव पुजारी,राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के सभापति डॉ.अनिल खुराना, भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा , होम्योपैथी रजिस्ट्रेशन बॉर्ड के अध्यक्ष डॉ.पिनाकिन त्रिवेदी एवं महाराष्ट्र भारतीय चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार डॉ. दिलीप वांगे, बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन की सदस्य प्रो( डॉ.)रजनी ए नायर,प्रो.(डॉ.) सिद्धलिंगेश एम. कुदरी, व प्रो. (डॉ.) नारायण एस.जाधव सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे ।
Ministry of Ayush, Govt.of India organized the Curtain Raiser Ceremony for the celebration of 8th Ayurveda Day 2023 at National Media Centre, New Delhi on 10th Oct 2023,
in the august Presence of Shri Sarbananda Sonowal Hon'ble Union Minister, Ministry of Ayush & Ministry of Port, shipping & Waterways, Padmashri Vd.Rajesh Kotecha, Secretary Ayush, Vd.Manoj Nesari, Advisor Ministry of Ayush, Prof. Vd. Rakesh Sharma, President Board of Ethics and Registration, NCISM and other senior officials of the Ministry of Ayush.
The focal theme for Ayurveda day 2023 is 'Ayurveda for one health ' with tag line ' Ayurveda for everyone on every day '. The Main function of Ayurveda day will be organized on 10th November 2023 at Panchkula Haryana.
आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 8वेंआयुर्वेद दिवस 2023 के जश्न के लिए आज दिनाँक 10 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रीय मीडिया सेंटर, नई दिल्ली में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय और आयुष मंत्री माननीय श्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा गरिमामयी उपस्थिति में राष्ट्रीय मीडिया सेंटर, नई दिल्ली में उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया।
आयुर्वेद दिवस 2023 का मुख्य विषय 'एक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद' है, जिसकी टैग लाइन 'हर दिन सभी के लिए आयुर्वेद' है। आयुर्वेद दिवस का मुख्य समारोह 10 नवंबर 2023 को पंचकुला हरियाणा में आयोजित किया जाएगा।
समारोह में आयुष मंत्रालय के सचिव पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा, सलाहकार आयुष मंत्रालय डॉ.मनोज नेसारी, भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के बॉर्ड ऑफ़ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष वैद्य राकेश शर्मा सहित आयुष मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग द्वारा दिनाँक 11 अक्टूबर को परिसर में आईएसएम के स्नातकोत्तर डिग्री (एमडी/एमएस) कार्यक्रमों के पुनर्गठन के संबंध में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें देशभर के वरिष्ठ विशेषज्ञयो ने भाग लिया।
बैठक की अध्यक्षता भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग ( एनसीआईएसएम) के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी द्वारा की गई । बैठक में एनसीआईएसएम के बॉर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के अध्यक्ष डॉ.श्रीनिवास प्रसाद बूदूरू, बोर्ड ऑफ यूनानी सिद्ध एवं सोवा-रिग्पा के अध्यक्ष डॉ. के. जगन्नाथन, बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के सदस्य डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय सहित अन्य विशेषज्ञ शामिल रहे ।
CCRAS, Ministry of AYUSH, Govt. of India organized Bikers Rally in Chandigarh
8th Ayurveda Day-2023 with theme “Ayurveda for one Health” with tagline “Ayurveda for Everyone on Every Day” is being celebrated from 10.10.2023 to 10.11.2023 focusing on various activities. The Bikers Rally is one of the activities has been organized in Chandigarh on 05.11.2023 at 07:30 AM onwards. The Rally was flagged of by Sh. Ajay Chagri, IAS, Secretary, Medical Education and Research, U.T. Chandigarh. The route of Bikers rally was Skukhna Lake Chd. Sector 1, Round about Sector 3 & 4 Matka Chowk, 17-A, Sector 22-A, Jan Marg Village Atawa, Sector 42, Vikas Marg Sector 32, Vikas Marg – Sector 46-C to Shri Dhanwantry Ayurvedic College & Hospital Chandigarh. Approximately 150 participants participated in this event. The Aim of this event was to promote the rich heritage of Ayurveda and its holistic approach to well-being. Expert Ayurvedic Practitioners shared their knowledge and experience on maintaining well-being through Ayurveda. The event was concluded at Shri Dhanwantry Ayurvedic College, Chandigarh where Guest of Honour Dr. Rakesh Sharma, The President Board of Ethics & Registration of ISM, NCISM, distributed mementos to the professional Bikers. Ministry of Ayush, Government of India Rajbhasha Ministry of Ayush Secretary All India Institute of Ayurveda, New Delhi
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा परिसर में दिनांक 30 अक्टूबर 2023 से 05 नवम्बर 2023 तक इस वर्ष की थीम "भ्रष्टाचार का विरोध करें राष्ट्र के प्रति समर्पित रहे के साथ परिसर में मनाया जा रहा है।
निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने उत्सकुता से भाग लिया ।
संयुक्त राज्य अमेरिका में नेशनल कंसोर्टियम ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन (एनसीएएम) द्वारा मेगा सम्मेलन का आयोजन दिनाँक 27-29 अक्टूबर, 2023 को अमेरिका के ऑरलैंडो, फ्लोरिडा में किया गया। सम्मेलन का विषय "आयुर्वेद बियॉन्ड वेलनेस" रहा।
उक्त सम्मेलन में आयुष समुदाय के अंतराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्ति सहित भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. वैद्य राकेश शर्मा सम्मिलित हुए। वैद्य प्रो. राकेश शर्मा ने आयुर्वेद पद्द्ति की चिकित्सा तथा आयुर्वेद बियॉन्ड वेलनेस पर अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये। वैद्य राकेश शर्मा ने प्रोफेशनल आयुर्वेदिक अभ्यास को व्यवस्थित करने के लिए एकता और नैतिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया व कहा कि आयुर्वेद शरीर, मन, आत्मा और पर्यावरण के बीच संतुलन हासिल करने के लिए जीवनशैली में हस्तक्षेप और प्राकृतिक उपचारों को प्रोत्साहित करता है।
फिटनेस को हमारे दैनिक जीवन का सिद्धांत अंग बनाने के उद्देश्य से "फिट इंडिया मूवमेंट" अभियान का आगाज़ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 29 अगस्त, 2019 को किया गया।
फिट इंडिया मूवमेंट का उद्देश्य आसीन जीवन शैली से लेकर दिन-प्रतिदिन के जीवन के शारीरिक रूप से सक्रिय तरीके से व्यवहार में परिवर्तन करना है । फिट इंडिया तभी सफल होगा जब वह जन आंदोलन बने और हम उत्प्रेरक की भूमिका निभाएं। जन आंदोलन बनाने के उद्देश्य से भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग द्वारा आयोग के सभापति वैद्य जयंतदेव पुजारी के नेतृत्व में "फिट इंडिया स्वच्छता फ़्रीडम रन 4.0 *स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत” का आयोजन किया गया। जिसमें सभी बोर्ड, अध्यक्ष, सदस्य,व कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम फिट इंडिया मूवमेंट के अवसर पर अंत मे आयोग के सभापति वैद्य जयंतदेव पुजारी ने कहा कि आज हमारे समाज ने फिटनेस को कम महत्व देकर खुद से दूर कर दिया है। उदाहरण के लिए पहले एक व्यक्ति कई किलोमीटर की दूरी पैदल अथवा साइकिल से तय करता था, लेकिन आज हम मोटरगाडि़यों का प्रयोग आवश्यकता से अधिक कर रहे हैं। ऐसे में फिट इंडिया का महत्व भारत के लिए बढ़ जाता है। आज प्रौद्योगिकी ने हमारी शारीरिक क्षमता कम कर दी है और हमारी फिटनेस की आदत भी छीन ली है। साथ ही हम अपनी परंपरागत कार्यप्रणालियों और जीवनशैली से अनभिज्ञ होते जा रहे हैं, जो हमें स्वस्थ रख सकती हैं। ऐसे में यह मुहिम भारत को अपनी परंपरागत कार्यप्रणालियों और जीवनशैली से जोड़ने का काम करेगी । यह राष्ट्र को फिटनेस और आरोग्य के रास्ते पर ले जाने का काम करेंगी।
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन द्वारा दिनांक 17 अक्टूबर को परिसर में एक बैठक का आयोजन किया गया । जिसमें देश भर से विशेषज्ञ जुड़े । मीटिंग की अध्यक्षता बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष वैद्य राकेश शर्मा द्वारा की गई ।
बैठक में भारतीय चिकित्सक पद्द्ति के विभिन्न एजेंडे रखे गए जिसमे पंजीकरण संबंधी नियमों में एकरूपता के लिए राज्य आईएसएम परिषदों के लिए दिशानिर्देश तैयार करना ,पंजीकरण प्रक्रिया आदि पर विचार विमर्श हुआ। बैठक में आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो.(वैद्य ) श्री राकेश शर्मा,सदस्य प्रो( डॉ).रजनी ए नायर, सदस्य प्रो (डॉ.) सिद्धलिंगेश कुदरी,सदस्य प्रो. (डॉ. ) नारायण एस.जाधव , विभिन्न राज्य परिषदों के रजिस्ट्रार एथिक्स कमेटी के सदस्य एवं अन्य आईएसएम विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
धनवंतरी जयंती (धनतेरस) के अवसर पर भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा परिसर में भगवान धनवंतरी जी की पूजा अर्चना की गई।
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2023 के लिए थीम 'सबकों लिए आयुर्वेद' (Ayurveda for One Health) रखा गया है. वहीं टैग लाइन 'हर दिन हर किसी के लिए आयुर्वेद' ('Ayurveda For Everyone On Every Day') के तय मनाया गया । इस अवसर पर सभी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
15 अगस्त स्वंतत्रता दिवस की 76 वीं वर्षगांठ और 77 वां स्वंतत्रता दिवस के उपलक्ष्य में जवाहरलाल नेहरू भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी अनुसंधान भवन परिसर जनकपुरी में सभी अनुसंधान परिषद, व आयोग द्वारा मनाया गया।
कार्यक्रम में भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रिय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी, आयोग के बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के सभापति डॉ अनिल खुराना, केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के डायरेक्टर जनरल डॉ सुभाष कौशिक , उप महानिदेशक राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग, डॉ तारकेश्वर जैन,उप महानिदेशक केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद डॉ सुनील एस रामटेके एनसीआईएसएम आयोग के बॉर्ड ऑफ आयुर्वेद के सदस्य डॉ अतुल बाबू वार्ष्णेय,मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की सदस्य डॉ.आरती पि.एस, एनसीआईएसएम आयोग के बॉर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के सदस्य प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी,सहित गणमान्य व्यक्तियों ने स्वंतत्रता दिवस में भाग लिया। कार्यक्रम का सफ़ल मंच संचालन एनसीआईएसएम आयोग मीडिया एग्जीक्यूटिव विनोद ने किया। इस अवसर पर सभी ने अपने अपने विचारों से अनुग्रहित किया और स्वतंत्रता दिवस की बधाई व शुभकामनाएं दी।
WHO पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन 2023 में आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा व आयोग के सचिव डॉ बी एल मेहरा तथा बोर्ड के अन्य सदस्यों ने डिजिटल एग्जिबिशन को विजिट किया ।
इस दौरान नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री मोहन बहादुर बसनेट, उत्तरप्रदेश के आयुष मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्रा 'दयालु', #WHO की साऊथ ईस्ट एशिया रीजन की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेतरपाल सिंह व राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के अध्यक्ष पदमश्री व पदम भूषण वैद्य श्री देवेंद्र त्रिगुणा भी उपस्थित रहे।
Vaidya Jayant deopujari, Chairman National Commission for Indian System of Medicine addressed the ‘#WHO Traditional Medicine Global Summit’ at Gandhinagar, Gujarat.
He told that the world should follow the auspicious mantra of ‘Sarve Bhavantu Sukhinah Sarve Santu Niramaya’ through which the world can achieve the aim of "Health for all.”
The Inaugural session of Capacity Development Programme in Educational Planning and Administration for the Principals of
Ayurveda, Unani, Siddha, and Sowa-Rigpa Colleges(Batch 4) organized by NIEPA in collaboration with NCISM on 21st -25th August 2023 at NIEPA New Delhi
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग द्वारा देशभर के अनुभवी समन्वयकों के लिए दो दिवसीय ( 22-23 अगस्त, 2023) "अनुसंधान परियोजना के समन्वयकों के लिए प्रशिक्षण" कार्यक्रम के दूसरे दिन शुभारंभ आयोग परिसर में दीप प्रज्वलित कर किया गया
जिसमें मुख्यातिथि के तौर पर आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी,बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर ( डॉक्टर) श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट, आयोग के प्रभारी सचिव प्रोफेसर (डॉक्टर.) बी.एल. मेहरा, आचार एवं पंजीयन बोर्ड की सदस्य व अनुसंधान परियोजना के लिए नोडल अधिकारी प्रो (डॉ.) रजनी नायर शामिल रहे । कार्यक्रम के अंतिम दिन वैज्ञानिक सत्र में गणमान्य समन्वयकों ने डेटा संग्रह के उपकरण पर प्रकाश डाला ।
"आयुर्वेद का साथ-स्वास्थ्य हमारे हाथ" विषय पर कार्यक्षमता वृद्धि व्याख्यानमाला के अंतर्गत छठवीं प्रस्तुति उत्तरप्रदेश के लखनऊ शहर में दिनाँक 25 अगस्त को आयोजित हुई ।
उत्तरप्रदेश सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा लोक भवन सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर मार्गदर्शन हेतु भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी द्वारा प्रमुख वक्ता के तौर पर विशेष आमंत्रित किया गया। उत्तरप्रदेश शासन के मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र द्वारा पुष्प गुच्छ देकर सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी का अभिवादन,स्वागत किया गया। सचिवालय प्रशासन परिवार के प्रमुख सचिव के रविन्द्र नायक द्वारा स्वागत संबोधन किया गया। मुख्य स्पीकर के तौर पर आयोग के सभापति वैद्य श्री जयन्त देव पुजारी ने आयुर्वेद का साथ-स्वास्थ्य हमारे हाथ विषय पर कार्यक्षमता वृद्धि व्याख्यानमाला पर अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत कर मार्गदर्शन किया । वहीं श्री जयंत देव पुजारी ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि देश को हासिल हुई है और वह है आयुष. आयुर्वेद सहित भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों जिनमें होम्योपैथी, यूनानी, सिद्धा और प्राकृतिक चिकित्सा शामिल हैं, इन्हें महज कुछ ही सालों में ग्लोबल स्तर पर पहुंचाने में अहम योगदान दिया है. कार्यक्रम में हजारों की संख्या में शामिल हुए प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी,आयुर्वेद से जुड़े वैद्य, प्रेक्टिशनर सहित गणमान्य व्यक्तियों ने बड़ी उत्सुकता से विचारों को सुना ।
An expert committee meeting to finalize the proposal for "ISO-Technical Committee on Ayurveda and Yoga" was conducted at @IndianStandards (BIS) HQ on 29th August 2023.
Dr Rabinarayan Acharya, DG, CCRAS, Dr B.S. Prasad, President (Board of Ayurveda), NCISM, Dr Raghavendra Rao, Director, CCRYN, Dr Galib R, Associate Prof, AllA, Dr Sumeet Goel, Research Officer, MoA and Smt. Manju Gupta, Head (Ayush) BIS were present at the meeting.
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग परिसर में दिनांक 4 सितंबर को सीआरसीसीसी की मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें देश भर के सोवा रिग्पा संस्थान के डीन/प्रधानाचार्य मौजूद रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी द्वारा की गई । मीटिंग में बोर्ड ऑफ यूनानी सोवा रिग्पा के अध्यक्ष डॉ.के जगन्नाथन अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया।
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा दिनाँक 14 सितंबर से 29 सितंबर 2023 तक मनाये जाने वाले हिंदी पखवाड़ा का शुभारंभ हुआ।
इस अभियान में हिंदी को अधिक से अधिक वरियता देने व कार्यशैली में इसके विस्तार को बढ़ाने के लिए आयोग द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित कर हिंदी के प्रचार प्रसार को आगे बढ़ाया जाएगा।
हिंदी दिवस 2023 के अवसर पर माननीय गृह मंत्री जी का संदेश...
वैद्य राजेश कोटेचा, आयुष सचिव ने ‘हिंदी दिवस’ पर आयुष मंत्रालय और इसके अधीनस्थ समस्त परिषदों/संस्थानों/कार्यालयों में कार्यरत सभी अधिकरियों को ‘हिंदी दिवस’ की शुभकामनाएं देते हुए राजकीय कामकाज हिंदी में करने का आह्वान किया है।
आयुष सचिव ने आयुष परिवार को यह संदेश दिया है कि “हम हिंदी दिवस के इस पावन पर्व अवसर पर यह संकल्प लें कि हम हिंदी को इसके सरलतम रूप में अपनाकर संघ के राजकीय कामकाज में अधिक से अधिक प्रयोग करेंगे और मिलकर ‘राजभाषा हिंदी’ के माध्यम से नए ‘आत्मनिर्भर भारत’ का निर्माण करेंगे।“
गौरतलब है कि आयुष मंत्रालय में आज (14 सितंबर 2023) से ही ‘हिंदी पखवाड़ा’ की भी शुरू हो रहा है, जो 29 सितंबर 2023 तक मनाया जाएगा।
#हिन्दी_दिवस #हिन्दी_दिवस_2023 #हिंदी_पखवाड़ा2023
#75वें_गणतंत्र_दिवस के अवसर पर देशभर के साथ भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के नए भवन पंजाबी बाग,निकट धन्वंतरि भवन में बड़े धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जिसमें गणतंत्र दिवस पर मुख्यातिथि के तौर पर आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी द्वारा झंडा फहराया गया ।
इस अवसर पर आयोग के सभी बॉर्ड अध्यक्ष, सदस्य व कर्मचारियों ने भाग लिया ।
#विश्व_यूनानी_चिकित्सा_विज्ञान_दिवस
ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस द्वारा नई दिल्ली में 'विश्व यूनानी चिकित्सा विज्ञान दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया
जिसमें नेशनल कमीशन फॉर इंडिया सिस्टम ऑफ मेडिसीन (एनसीआईएसएम) के बोर्ड ऑफ़ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष डॉ. वैद्य राकेश शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरक़त की । इस अवसर पर आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी, प्रो. डॉ नारायण एस.जाधव, प्रो ( डॉ) मो. मजाहिर आलम भी मौजूद रहे।
#दसवां_संस्थागत_योजना_एवं_ #प्रशासन_में_क्षमता_विकास कार्यशाला( 15 से 19 जनवरी,2024)
देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और सोवा- रिग्पा के प्राचार्य हेतु संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यशाला के लिए सोमवार दिनाँक 15 से 19 जनवरी 2024 तक कार्यशाला का आयोजन नीपा संस्थान में हुआ जिसमें देशभर के 30 के करीब वरिष्ठ शैक्षणिक प्रशासक, संकाय के डीन और कॉलेजों के प्राचार्यों ने भाग लिया।
दसवें उद्घाटन सत्र की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई जिसमें मुख्यातिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर ( डॉक्टर) श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु, सत्र की अध्यक्षता कुलपति (प्रभारी),एनआईईपीए प्रोफेसर सुधांशु भूषण, एनआईईपीए के शैक्षिक प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर कुमार सुरेश, एनसीआईएसएम के आयुर्वेद बोर्ड के सदस्य डॉ. अतुल वार्ष्णेय द्वारा की गई । कार्यशाला में संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यक्रम के विस्तार, मौजूदा स्थिति व भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया गया । कार्यक्रम का प्रबंधन प्रोफेसर के. श्रीनिवास, कार्यक्रम निदेशक, आईसीटी विभाग और परियोजना प्रबंधन इकाई, एनआईईपीए, डॉ. गरिमा मलिक, कार्यक्रम समन्वयक, उच्च शिक्षा में नीति अनुसंधान केंद्र, एनआईईपीए द्वारा किया गया।
#एबीडीएम_एचपीआर
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एच पी.आर) के संबंध में कंसल्टेटिव मीटिंग ए.बी.डी.एम. (एच. पी.आर.) दिनांक 08 एवं 09 फरवरी 2024 को नेशनल इंस्टीटियूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर, राजस्थान में आयोजित हुई। इस मीटिंग में भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग से आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. (वैद्य) राकेश शर्मा,आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य डॉ. सिद्धलिगेश एम कुदरि, डॉ. अजय कुमार, सलाहकार, डॉ. राजीव भारद्वाज, प्रबंधकीय अधिकारी और डॉ. नरेन्द्र सिंह, जे.टी.ओ. ने भाग लिया।
कार्यक्रम में प्रो. (वैद्य) राकेश शर्मा ने एनसीआईएसएम के कार्य व विनियम की जानकारियों को एन.आई.ए. के अध्यापकों, चिकित्सको, पीएचडी स्कोलर एवं पी.जी. के छात्रों के साथ साझा किया । साथ ही एचपीआर की महत्वता के ऊपर प्रकाश डालते हुए सभी प्रतिभागियों को इसके फायदे से भी अवगत कराया। कार्यक्रम में प्रो (वैद्य) राकेश शर्मा द्वारा सभी उपस्थित अध्यापकों, चिकित्सकों, पीएचडी स्कोलर एवं पी.जी. के छात्रों को एच. पी.आर. में बढ़ चढ़ कर रजिस्ट्रेशन में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया। डॉ. सिद्धलिंगेश एम कुदरि (सदस्य) द्वारा एच पी आर. संबंधित पीपीटी सभी उपस्थित छात्रों एवं अन्य अधिकारियों, चिकित्सकों, पीएचडी स्कोलर के सामने प्रस्तुत की। एनआईए के कुल सचिव डॉ. संजीव शर्मा द्वारा उद्धबोधन के पश्चात् एच.पी आर. का कार्य शुरू किया गया। ए.बी.डी.एम (एच.पी.आर.) मीटिंग में कुल 604 चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन किया गया।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में तीसरे बैच (05 फ़रवरी से 09 फ़रवरी ) तक पाँच दिवसीय कार्यक्रम के समापन के अवसर पर भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य जयन्त देव पुजारी मौजूद रहे ।
आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने अपने संबोधन में कहा कि एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद के साथ पिछले दिनों हुए इस समझौता ज्ञापन ( MoU) द्वारा इसमें प्रशिक्षण का एक मॉड्यूल तैयार किया है जिसमें शैक्षणिक ज्ञान का लाभ उठाते हुए कौशल को विकसित किया जा रहा है । उन्होंने आगे कहा "उद्यमिता विकास" में क्षमता निर्माण में बढ़ावा देने के लिए यह एक बड़ी पहल है। जिससे एक साल के अंदर 600 आयुष ईडी सेल शुरू होने की उम्मीद है। एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए सफलतापूर्वक हुए इस तीसरे टीओटी कार्यक्रम के समापन पर देशभर से 27 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में सफलतापूर्वक भाग लिया। इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के कौशल को विकसित किया है जो "उद्यमी कैरियर और मूल्यों" को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद के साथ हुए समझौता ज्ञापन( MoU) से भविष्य में भी औऱ बेहतर कार्यकलापों से मॉड्यूल तैयार कर शैक्षणिक ज्ञान से कौशल को विकसित किया किया जाएगा ।
#ग्यारवें_संस्थागत_योजना_एवं_ #प्रशासन_में_क्षमता_विकास कार्यशाला( 5 से 09 फ़रवरी,2024)
देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और सोवा- रिग्पा के प्राचार्य हेतु संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यशाला के लिए दिनाँक 05 से 09 फ़रवरी 2024 तक कार्यशाला का आयोजन नीपा संस्थान में हुआ जिसमें देशभर के 30 के करीब वरिष्ठ शैक्षणिक प्रशासक, संकाय के डीन और कॉलेजों के प्राचार्यों ने भाग लिया।
ग्यारहवें उद्घाटन सत्र की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ मुख्यातिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी, कार्यक्रम की अध्यक्षता के तौर पर नीपा कुलपति प्रोफेसर शशिकला गुलाबराव वंजारी,आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद मेम्बर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय,नीपा से प्रोफेसर कुमार सुरेश द्वारा की गई । कार्यशाला में देश भर से आये प्राचार्यों को संबंधित करते हुए आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यक्रम के विस्तार, मौजूदा स्थिति व भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया । इस कार्यशाला के अंतिम दिन आयोग के एनसीआईएसएम आयोग के बोर्ड ऑफ यूनानी सिद्धा सोवा रिग्पा के अध्यक्ष के. जगनाथन ने अपने अनुभवों को सांझा किया और देशभर से आये प्राचार्यों को संबोधित करते हुए कहा कि इस पांच दिवसीय आयोजन में प्राचार्यों ने जो बेहतरीन कार्यशैली सीखी उससे शिक्षा में और बेहतरीन कार्य होगा। कार्यशाला में बोर्ड ऑफ आयुर्वेद मेम्बर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय ने कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। कार्यक्रम के निदेशक (शैक्षणिक) प्रोफेसर कुमार सुरेश ने कार्यक्रम का खाका प्रस्तुत किया और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। इस कार्यक्रम में निदेशक प्रोफेसर आरती श्रीवास्तव और कार्यक्रम समन्वयक डॉ अनुपम पचौरी भी पूरे भारत में ग्रीक, आयुर्वेद और सिद्ध चिकित्सा कॉलेजों के प्रिंसिपलों का स्वागत करने के लिए उपस्थित रहे ।
New Delhi, 07 February 2024. Union Minister of Ayush and Shipping, Ports and Waterways Shri Sarbananda Sonowal today inaugurated the new office building of National Commission of Indian System of Medicine (NCISM) at Punjabi Bagh (West), and said that
Ayush is now poised to become world leader in the realm of holistic health and wellness. Union Minister Shri Sarbananda Sonowal highlighted the role of whole government approach of Government of India and said that this decade of Ayush is all about tremendous growth, and infusing traditional medicine systems of India in public health delivery. “After the formation of Ministry of Ayush, way back in 2014, a lot has changed in Ayush sector. Ayush is now well-known across the globe. Under the guidance and visionary approach of Hon’ble Prime Minister Shri Narendra Modi, Ayush is flourishing in unprecedented way and the whole world has now recognized the power, efficacy and inclusive nature of Ayush systems of Medicine. “, He said. Union Minister also talked about the role that NCISM is playing in advancing Ayush Education through innovation, new learning and interactive modules. He said, “Global acceptance of Indian Traditional Medicine Systems of India has now placed much responsibility on Ayush sector. Not only should the education system, but also the health delivery, products and services of Ayush be the best in the world.” Union Minister also inaugurated the new “Padam Shree and Padam Bhusan Vaidya Devendra Triguna Sadan” building of Akhil Bhartiya Ayurveda Mahasamelan, and released the book titled, 'Ayurveda Kritattva Parichya Kosh' authored by RAV Guru, Vaidya Tarachand Sharma. In the inaugural session, the Union State Minister of Ayush and Women and Child Development Dr. Munjpara Mahendrabhai lauded the 10 years achievements of Ministry of Ayush through a video message. Secretary, Ministry of Ayush, Vaidya Rajesh Kotecha highlighted the achievements of NCISM and National Commission for Homoeopathy (NCH). He said that both the commissions have done commendable work in aligning Ayush education to New Education Policy 2020. NCISM Chairman Vaidya Jayant Deo Pujari pointed out the pioneering work of Commission.
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु दिनाँक 22 जनवरी 26 जनवरी तक हैदराबाद में पाँच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ ।
एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए सफलतापूर्वक हुए इस पहले टीओटी कार्यक्रम के समापन पर देशभर से 25 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में सफलतापूर्वक भाग लिया। महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद के साथ पिछले दिनों हुए इस समझौता ज्ञापन ( MoU) द्वारा इसमें प्रशिक्षण का एक मॉड्यूल तैयार किया है जिसमें शैक्षणिक ज्ञान का लाभ उठाते हुए कौशल को विकसित किया जा रहा है । "उद्यमिता विकास" में क्षमता निर्माण में बढ़ावा देने के लिए यह एक बड़ी पहल है। जिससे एक साल के अंदर 600 आयुष ईडी सेल शुरू होने की उम्मीद है। इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के कौशल को विकसित किया है जो "उद्यमी कैरियर और मूल्यों" को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद के साथ हुए समझौता ज्ञापन( MoU) से भविष्य में भी औऱ बेहतर कार्यकलापों से मॉड्यूल तैयार कर शैक्षणिक ज्ञान से कौशल को विकसित किया किया जाएगा । इन अवसर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बॉर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के सदस्य डॉ सिद्धलिंगेश कुदरी,डायरेक्टर जनरल NI-MSME डॉ. एस ग्लोरी स्वरूपा, इफ्तिकार मुंसी निदेशक यूनानी अनुसंधान संस्थान, डॉ श्रीकांत शर्मा,कार्यक्रम निदेशक विवेक कुमार मौजूद रहे।
ए.बी.डी.एम. (एच.पी.आर.)
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एच पी.आर) के संबंध में कंसल्टेटिव मीटिंग ए.बी.डी.एम. (एच. पी.आर.) दिनांक 03 मार्च 2024 को मुंबई यूनिवर्सिटी के कलिना कैंपस में इम्पा यूनानी के सौजन्य से आयोजित की गई।
इस मीटिंग में भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग से आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. (वैद्य) राकेश शर्मा,आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य डॉ. सिद्धलिगेश एम कुदरि, डॉ. अजय कुमार, सलाहकार, डॉ. राजीव भारद्वाज, प्रबंधकीय अधिकारी और डॉ. नरेन्द्र सिंह, जे.टी.ओ. ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रो. (वैद्य) राकेश शर्मा ने एनसीआईएसएम के कार्य व विनियम की जानकारि दी साथ ही एचपीआर की महत्वता के ऊपर प्रकाश डालते हुए सभी प्रतिभागियों को इसके फायदे से भी अवगत कराया। कार्यक्रम में प्रो (वैद्य) राकेश शर्मा द्वारा सभी उपस्थित चिकित्सकों को एच. पी.आर. में बढ़ चढ़ कर रजिस्ट्रेशन में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया। ए.बी.डी.एम (एच.पी.आर.) मीटिंग में 250 से अधिक यूनानी चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन किया गया।
"स्किलिंग, अपस्किलिंग, और रेस्किलिंग" के मंत्र के माध्यम से भारतीय पारंपरिक चिकित्सा का विश्व स्तर पर प्रचार जरूरी : वैद्य जयंत देव पुजारी
आयुष क्षेत्र में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग द्वारा हेल्थकेयर सैक्टर परिषद द्वारा आयुष कुशल पेशेवरों के लिए दीक्षांत समारोह का आयोजन HSSC Sub Council ( एचएसएससी उप परिषद) दिनाँक 5 मार्च 2024 को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित हुआ।
दीक्षांत समारोह की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्वलित द्वारा की गई। HSSC के सीईओ आशीष जैन द्वारा मुख्य महमानों का पटका पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति व HSSC Sub Council के अध्यक्ष वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने शिरक़त की । भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य जयन्त देव पुजारी ने अपने सम्बोन्धन मे "स्किलिंग, अपस्किलिंग और रीस्किलिंग" के मंत्र के माध्यम से भारतीय पारंपरिक चिकित्सा को विश्व स्तर पर प्रचारित करने की दिशा में आयुष मंत्रालय और भारत सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। आयोजन में चिकित्सकों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं सहित 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने अपने ज्ञान को व सहयोग को सांझा किया । दीक्षांत समारोह में योग थेरेपी सहायक, क्षार कर्म तकनीशियन, पंचकर्म तकनीशियन, योग कल्याण ट्रेनर, कपिंग थेरेपी सहायक, कपिंग थेरेपिस्ट और आयुर्वेदिक आहार विशेषज्ञ जैसी आयुष भूमिकाओं में कुशल और प्रमाणित छात्रों के लिए आयोजित किया गया । कार्यक्रम में मुख्यतौर पर प्रोफेसर रबिनारायण आचार्य, महानिदेशक, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के निदेशक और अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्य (डॉ) तनुजा नेसरी,सीसीआरएएस,वैद्य मीता कोटेचा, पूर्व प्रो वीसी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर , HSSC गवर्निंग काउंसिल के सदस्य डॉ. अरुण. अग्रवाल, सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे । कार्यक्रम का सफ़ल आयोजन HSSC के सीईओ आशीष जैन के नेतृत्व में किया गया।
#MoU
The Central Council for Research in Siddha (CCRS), Ministry of Ayush, Government of India entered into an umbrella MoU with National Commision for Indian System of Medicine (NCISM), New Delhi to foster collaboration in the area of research, education and training in Siddha Medicine at National Commission for Indian System of Medicine, West Punjabi bagh on 07.03.2024.
The MoU was signed by Vaidya Jayant Yeshwant Deopujari, Chairman, NCISM and Dr. N.J.Muthukumar, Director General, CCRS in the gracious presence of Dr. K. Jagannathan, President, Board of Unani, Siddha and Sowa-Rigpa, NCISM, Dr. B.S. Prasad, President, Board of Ayurveda, NCISM, Dr. Raghuram Bhatta, President, Medical Assessment and Rating Board, NCISM, Dr. B.L. Mehra, Secretary and Dr.S.Mathukumar, Member, Board of Unani, Siddha and Sowa-Rigpa, NCISM and Dr. Selvaraj, Research Officer (Siddha), Dr. Eugene Wilson, Research Officer, Dr. Akhila, Research Officer (Siddha), were present from CCRS.
On the occcasion, Vaidya Jayant Yeshwant Deopujari, Chairman, NCISM has put forward his valuable inputs and also appreciated the efforts of CCRS and assured full cooperation of CCRS for implementing the objective of the MoU.
As per the MoU, The NCISM agrees to endorse Studentship Program for UG Students (STAIRS-UG) as well as PG Students(STAIRS-PG) and Teaching Professionals and any other program implemented by CCRS in future (Research Impregnation to the Teaching Professionals of Healthcare And Medicine in Siddha -RITHAMS), etc. and any other program implemented by CCRS in future. The NCISM agrees to conduct joint workshops/ seminars/ conferences/ trainings to promote MoA’s and CCRS’s various schemes/ programmes.
This initiative will make a big change in Siddha Medical Education and Research, Motivate students and teachers towards active research and through research publications Siddha will be propagated as more scientific and evidence based globally.
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग की तृतीय एडवाइजरी कमेटी की बैठक का आयोजन दिनाँक 07 मार्च 2024 को कार्यालय परिसर,पंजाबी बाग में किया गया।
बैठक की अध्यक्षता भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी द्वारा की गई । बैठक में सभी बोर्ड मेम्बर ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड़ में जुड़े ।बैठक में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई ।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में पांच दिवसीय 5th/पांचवा बैच ( 04 से 8 मार्च 2024) तक कार्यक्रम का समापन हुआ ।
एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए सफलतापूर्वक हुए इस टीओटी कार्यक्रम के समापन पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने मुख्यातिथि, आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) श्रीनिवास प्रसाद बुदुरु ने अति विशिष्ठ अतिथि जबकि और आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड की सदस्य प्रो.(डॉ) रजनी नायर ने विशिष्ठ अतिथि के तौर पर शिरक़त की । देशभर से 36 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में सफलतापूर्वक भाग लिया। इस आयोजन में आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने अपने संबोधन में कहा कि एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद के साथ पिछले दिनों हुए इस समझौता ज्ञापन ( MoU) द्वारा इसमें प्रशिक्षण का एक मॉड्यूल तैयार किया है जिसमें शैक्षणिक ज्ञान का लाभ उठाते हुए कौशल को विकसित किया जा रहा है । उन्होंने आगे कहा "उद्यमिता विकास" में क्षमता निर्माण में बढ़ावा देने के लिए यह एक बड़ी पहल है। जिससे एक साल के अंदर 600 आयुष ईडी सेल शुरू होने की उम्मीद है। आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) श्रीनिवास प्रसाद बुदुरु ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के कौशल को विकसित किया है जो "उद्यमी कैरियर और मूल्यों" को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद के साथ हुए समझौता ज्ञापन( MoU) से भविष्य में भी औऱ बेहतर कार्यकलापों से मॉड्यूल तैयार कर शैक्षणिक ज्ञान से कौशल को विकसित किया किया जाएगा । भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी द्वारा प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
#International_women’s_day
As per the direction of Chairman, NCISM,International women’s day was celebrated on 8th March 2024 by the NCISM office. For the purpose of arrangement, a committee was constituted for coordinating the programme with following staff as members:-
Dr. Arathi P.S.- Member, MARBISM
Dr. Vidya- Domain Expert, MARBISM
Mr. VijayKumar Arya- Admin.
Dr. Pallavi- Consultant, BOA
Dr. Kamar Sultana- Consultant, BUSS
Dr. Parul- Consultant, MARBISM
Dr. Ritu- JTO, BOER
Following activities were planned for the staff in connection with the event and the staff participated in the same.
Poster Making/ Drawing - on concerned theme
Greeting Cards- on concerned theme
DIY (Handmade) Craft etc.
Expression of views regarding the significance of the day on canvas board.
The Main Programme was conducted at the Auditorium of All India Ayurveda Congress on 08.03.2024 from 3pm to 5pm.
The program commenced with the lighting the lamp by the dignitaries. The welcome address was delivered by Dr. Arathi P.S., Member, Medical Assesment and Rating Board, NCISM. SAKHSI SHARMA, Senior Research Officer Central Ayurveda Research Institute(CARI), Under CCRAS, Ministry of AYUSH was the guest speaker for the programme, DR VANDANA SIROHA, Director of Rashtriya Ayurveda Vidyapeeth, Ministry of Ayush, was the Chief Guest , Padmabhushan Vaidya Devendra Trigunaji, President of All India Ayurveda Congress and President of Governing body of Rashtriya Ayurved Vidyapeeth was the Guest of Honour and Vaidya Manoj Nesari, Advisor, Ayurveda, Ministry of AYUSH was the special guest.
22nd to 26th April, 2024. Training of Trainers (ToT) on Entrepreneurship Development for AYUSH (Batch-6) ni-msme is organizing one-week Training of Trainers (ToT) on Entrepreneurship Development for Coordinators of Research and Innovation Cell for AYUSH of Batch-6.
The training programme, held from April 22nd to April 26th, 2024, saw enthusiastic participation from 29 AYUSH doctors/participants hailing from different colleges across 13 states. The inauguration ceremony, held on April 22nd, 2024, witnessed the esteemed presence of Prof. (Vaidya) Rakesh Sharma, President, Board of Ethics and Registration, NCISM and Dr. S. Glory Swarupa, Director General, ni-msme, along with Programme Directors Dr. Shreekant Sharma, FM, SEE Department, ni-msme and Mr. V.B. Rajendra Prasad, AFM, SEE Department, ni-msme have graced the inauguration. A highlight of the inauguration was the inspiring speech delivered by Guest of Honour Prof. (Vaidya) Rakesh Sharma, who shared valuable insights and motivation with all the participants.
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में 5 दिवसीय 6th/छटा बैच ( 22 से 26 अप्रैल 2024) तक होने वाले कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के आचार एवं पंजीयन बॉर्ड के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा द्वारा किया गया। देशभर के 13 राज्यो से 29 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में भाग लिया गया।
एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए इस टीओटी कार्यक्रम में बॉर्ड अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा ने अपने संबोधन में कहा एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद द्वारा शैक्षणिक ज्ञान का लाभ उठाते हुए कौशल को विकसित किया जा रहा है ।
उन्होंने आगे कहा"उद्यमिता विकास" में क्षमता निर्माण में बढ़ावा देने के लिए यह एक बड़ी पहल है। जिससे एक साल के अंदर 600 आयुष ईडी सेल शुरू होने की उम्मीद है।इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के कौशल को विकसित किया है जो "उद्यमी कैरियर और मूल्यों" को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं।
वैद्य श्री राकेश शर्मा द्वारा प्रेरक भाषण रहा जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन द्वारा दिनांक 13 मार्च को आयोग के कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें भारतवर्ष के विभिन्न आयुर्वेद ,यूनानी सिद्धा सोवा रिग्पा के संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य जयंत देव पुजारी उपस्थित रहे । बैठक की अध्यक्षता आयोग के बोर्ड आफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर वैद्य राकेश शर्मा द्वारा की गई । बैठक में भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (आचार एवं पंजीयन) अधिनियम 2023 को ज़मीनी स्तर पर आइएसएम ( ISM) प्रणाली के चिकित्सकों तक पहुंचाने व चिकित्सकों के चिकित्सा अधिकारी,पेशेवर नैतिकता व अन्य कई चिकित्सकों से सम्बंधित प्रावधानों व नियमो पर चर्चा की।
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के आचार एवं पंजीयन बॉर्ड द्वारा मुंबई के कमिश्नर ऑफ़ आयुष के कार्यालय में एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन विनियम 2023 के संबध में दिनांक 05.04.2024 को एक बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में आयोग द्वारा निर्मित VC link महाराष्ट्र के सभी महाविद्यालयों, आयुष पद्धति के संबधी सभी ईकाईयों के चिकित्सकों,आयुष अधिकारियों डायेक्टोरेट ऑफ आयुष द्वारा भेजा गया। आयोजित बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा 1688 प्रतिभागियों ने भाग लिया एवं प्रतिभागियों को आचार एवं पंजीयन बोर्ड विनियम 2023 की जानकारी प्रो (वैद्य) श्री राकेश शर्मा, अध्यक्ष, आचार एवं पंजीयन बोर्ड द्वारा दी गई । इसके साथ ही विस्तृत जानकारी डॉ. नारायण जाधव, सदस्य, आचार एवं पंजीयन बॉर्ड व डॉ.आशुतोष गुप्ता, सदस्य, एथिक्स कमेटी ऑफ़ एक्पर्ट द्वारा दी गई। बैठक में श्री राजीव निवातकर, कमिश्नर ऑफ़ आयुष महाराष्ट्र, द्वारा सभी प्रतिभागियों को सम्बोधित कर रेगुलेशन के लागू करने,रेगुलेशन को पढ़ने के निर्देश दिये गये। बैठक में प्रो. (वैद्य) राकेश शर्मा अध्यन आचार पंजीयन बोर्ड द्वारा प्रतिभागियों के प्रश्नों के जवाब भी दिये गए। इस सफ़ल आयोजन पर सभी का आभार व्यक्त डॉ. दीलिप वांगे, रजिस्ट्रार महाराष्ट्र काउंसिल द्वारा किया गया। बैठक में डॉ. रमन घुंघरालेकर, निदेशक,डारेक्टोरेट ऑफ आयुष, डॉ. दिलीप वांगे, रजिस्ट्रार महाराष्ट्र काउंसिल, डॉ. अजय कुमार (सलाहकार) और डॉ. राजीव भारद्वाज (प्रबंधकीय सलाहकार) आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड से मौजूद रहे। पर चर्चा की।
The 1st combined meeting of the SMASTD-ISM(Supplementation of Modern Advances, Scientific and Technological Developments in Indian System of Medicine) was organized by Board of Ayurveda and Board of Unani,Siddha and Sowa-Rigpa on 4th April 2024 at the office of National Commission for Indian System of Medicine, Punjabi Bagh.
The meeting was chaired by Vaidya Shri Jayant Deopujari. All presidents and members of both Board of Ayurveda and Board of Unani, Siddha and Sowa-Rigpa have attended the meeting.
The meeting was chaired by Vaidya Shri Jayant Deopujari. All presidents and members of both Board of Ayurveda and Board of Unani, Siddha and Sowa-Rigpa have attended the meeting.
Important points on the innovations or advances, diagnostic advancements, research methods, all technological and biomedical advancements or any other innovations that are useful for validating,
teaching, diagnosis and prognosis were discussed.
Other expert members from Ayurveda, Unani and Siddha systems had also put forward their valuable inputs and also appreciated the efforts of NCISM being taken towards the better educational system.
This initiative is expected to make a significant change in Ayurveda, Unani and Siddha medical education and research.This will also motivate students and teachers in many ways.
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बॉर्ड ऑफ आयुर्वेद व बॉर्ड ऑफ़ यूनानी एवं सिद्धा दिनाँक 4 अप्रैल को आयोग परिसर में SMASTD-ISM (Supplementation of Modern Advances, Scientific and Technological Developments in Indian System of Medicine) (भारतीय चिकित्सा पद्धति में आधुनिक प्रगति, वैज्ञानिक और तकनीकी विकास का पूरण ) की पहली संयुक्त बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी द्वारा की गई।
बैठक में नवाचारों या प्रगति, नैदानिक प्रगति, अनुसंधान विधियों, सभी तकनीकी और जैव चिकित्सा प्रगति या किसी भी अन्य नवाचारों पर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई जो सत्यापन, शिक्षण, निदान और रोग का निदान करने के लिए उपयोगी हैं। आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध प्रणालियों के विशेषज्ञ सदस्यों ने भी अपने बहुमूल्य इनपुट दिए और बेहतर शैक्षणिक प्रणाली की दिशा में एनसीआईएसएम के प्रयासों की भी सराहना की। इस पहल से आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है और यह छात्रों और शिक्षकों को कई तरह से प्रेरित करेगी।
बैठक में आयुर्वेद बोर्ड और यूनानी एवं सिद्ध बोर्ड के सभी अध्यक्ष और सदस्यों ने इसमें भाग लिया।
#mock_drill
The National Commission for Indian System of Medicine (NCISM), All India Ayurveda Mahasammelan (AIAC), and Central Ayurveda Research Institute (CARI) jointly staged a mock drill aimed at addressing civil security concerns and establishing effective protocols for employee rescue in times of crisis.
Throughout the program, the fire department elaborated on the multifaceted aspects of fire causation, rescue methodologies, and safety protocols, concluding with the implementation of a mock drill across the campus.
The program witnessed the attendance of senior officials, members, and employees.
#मॉकड्रिल...
नागरिक सुरक्षा और आपातकालीन परिस्थितियों में कर्मचारियों के बचाव के लिए भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन एवं केंद्रीय अनुसंधान चिकित्सालय के संयुक्त तत्वावधान में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में अग्निशमन विभाग द्वारा आग लगने के कारण,बचाव,सुरक्षा के बारे में विस्तार से बताया गया और परिसर में मॉकड्रिल की गई।
कार्यक्रम में उच्च अधिकारी, अध्यक्ष, सदस्यों व कर्मचारियों ने भाग लिया ।
Artificial Intelligence in ASU Education. MoU between NCISM and BITS Pilani Goa.
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन द्वारा दिनांक 03 अप्रैल को आयोग में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें भारतवर्ष के विभिन्न राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेश के रजिस्ट्रेशन काउंसिल प्रमुख, आयुर्वेद ,यूनानी सिद्धा सोवा रिग्पा के रजिस्ट्रार उपस्थित रहे।
बैठक में मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य जयंत देव पुजारी ने शिरक़त की । बैठक की अध्यक्षता आयोग के बोर्ड आफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर वैद्य राकेश शर्मा द्वारा की गई ।
बैठक में भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (आचार एवं पंजीयन) अधिनियम 2023 का कार्यान्वयन ज़मीनी स्तर पर कैसे किया जाए तथा आइएसएम ( ISM) प्रणाली के चिकित्सकों तक पहुंचाने व चिकित्सकों के चिकित्सा अधिकार,पेशेवर नैतिकता, डिजिटाइजेशन,आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ( ABDM)के तहत हैल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्रेशन( HPR) के महत्व के बारे में चर्चा की गई ।
बैठक में पहली बार पूर्वोत्तर राज्यो के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में प्रतिभागियों के सभी शंकाओं का समाधान, आयोग के सभापति व अध्यक्ष द्वारा किया गया।
बैठक में कई चिकित्सकों से सम्बंधित प्रावधानों व नियमो पर चर्चा की। इस बैठक में आयोग के बोर्ड आफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के सदस्य प्रोफेसर (डॉ.)रजनी ए. नायर, प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी, प्रो. (डॉ) नारायण एस.जाधव, प्रो.(डॉ) मोहम्मद मजाहिर आलम सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे । लिया ।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में 7th/सातवें बैच (06 से 10 मई 2024 ) पाँच दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन ni-msme हैदराबाद की महानिदेशक एस.ग्लोरी स्वरूपा द्वारा उद्घाटन किया गया। एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए सफलतापूर्वक चल रहे इस 7th/सातवें टीओटी कार्यक्रम के अवसर पर देशभर से 33 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में सफलतापूर्वक भाग लिया जा रहा है।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में 7th/ सातवें बैच दिनाँक 06 मई से 10 मई 2024 तक हुआ, जिसके समापन समारोह में भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के आंकलन एवं रेटिंग बोर्ड के सदस्य डॉ. सुश्रुत कनौजिया उपस्थित रहे । ा शुभारंभ हुआ।
आंकलन एवं रेटिंग बोर्ड के सदस्य डॉ. सुश्रुत कनौजिया ने अपने संबोधन में कहा कि "उद्यमिता विकास" में क्षमता निर्माण में बढ़ावा देने के लिए यह एक बड़ी पहल है। जिससे एक साल के अंदर 600 आयुष ईडी सेल शुरू होने की उम्मीद है।
एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए आयोजित किये गए इस 7th/सातवें टीओटी कार्यक्रम में देशभर से 33 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
For the successful development of the scheme of “Training of Trainers on Entrepreneurship Development" for coordinators of research and innovation cells in ASUS colleges, 7th Batch of trainers were trained at Hyderabad from 06 May to 10 May 2024 .Total 33 participants attended the training from all ASUS colleges across the country. The closing ceremony was graced by Dr. Sushrut Kanojia, Member, Assessment and Rating Board of Indian System of Medicine.
Dr. Sushrut addressed the gathering and highlighted that “this is a significant initiative to promote capacity building in Entrepreneurship Development and this will give rise to more than 600 ED Cells within a year.”
The Assessors Training Program for Assessment and Rating of ASU Colleges organized on 17th May 2024, by the Medical Assessment and Rating Board (MARB) in association with the Quality Council of India (QCI) was a resounding success.ँच दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
The program was inaugurated by the esteemed Chairman of National Commission for Indian System of Medicine (NCISM) followed by the Welcome Address by Dr, P.S. Arathi, Member, MARB-ISM. His inspiring words set a positive tone for the event, highlighting the importance of quality assessments in the medical field. Following the inauguration, the President MARB-ISM, Dr. Raghurama Bhatta. U, delivered an insightful introductory speech, emphasizing the objectives and expected outcomes of the training. His address underscored the critical role of robust rating systems in improving healthcare standards. The event also featured a heartfelt felicitation address by all the Presidents of NCISM, Dr B.S. Prasad, President- BOA, Dr K. Jaganathan, President- BUSS, Dr Rakesh Sharma, President- BOER, who collectively commended the efforts of MARB and QCI in organizing such a crucial training session. Their support and encouragement were witnessed to the significance of this initiative. The Quality Council of India was represented by Dr. Varinder S. Kanwar, CEO of the National Accreditation Board for Education and Training (NABET), who delivered a comprehensive address note. He outlined the vision and mission of QCI, reinforcing the importance of collaboration and continuous improvement in medical assessments under NCISM. The inaugural session was concluded by vote of appreciation by Dr Sushrut Kanaujia, Member MARB-ISM.
The training session was meticulously structured into three sub-sessions:
Overview of the Rating Session: This session was led by Ms. Madhu Ahluvalia, Senior Advisor of NABET-QCI, who provided an extensive overview of the rating processes. Participants gained valuable insights into the principles and methodologies that underpin effective medical ratings.
Technical Procedure on Framework of Rating: Conducted by Dr. Gaurang Tiwari, Assistant Director of NABET-QCI, this session delved into the technical aspects of the rating framework. Attendees were educated on the detailed procedures and standards required for accurate and reliable ratings.
Technical Procedure in the IT Portal and Assessors App: The final session was led by Mr. Somil Tyagi, Accreditation Officer of NABET-QCI. This hands-on session focused on the use of the IT portal and the Assessors app, equipping participants with the necessary skills to navigate and utilize these digital tools effectively.
An interactive Q&A session was set up in between the respective sessions, allowing participants to clarify doubts and share their experiences. The event was well-received, with attendees expressing their appreciation for the comprehensive and practical knowledge imparted.
भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) के सहयोग से चिकित्सा आंकलन एवं रेटिंग बोर्ड (MARB) द्वारा दिनांक 17 मई 2024 को एनसीआईएसएम परिसर में ASU कॉलेजों के मूल्यांकन और रेटिंग के लिए मूल्यांकनकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (NCISM) के सभापति वैद्य जयंतदेव पूजारी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित द्वारा किया गया।
सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया गया। MARB-ISM के सदस्य डॉ. पी.एस. आरती ने स्वागत भाषण दिया। उनके प्रेरक शब्दों ने कार्यक्रम के लिए सकारात्मक माहौल तैयार किया, जिसमें चिकित्सा क्षेत्र में गुणवत्ता मूल्यांकन के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
उद्घाटन पश्चात् मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट ने प्रशिक्षण के उद्देश्यों और अपेक्षित परिणामों पर जोर देते हुए एक व्यावहारिक परिचयात्मक भाषण दिया। उनके संबोधन ने स्वास्थ्य सेवा मानकों को बेहतर बनाने में मजबूत रेटिंग प्रणालियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
कार्यक्रम में NCISM के सभी अध्यक्ष, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट,बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष प्रो. वैद्य श्री राकेश शर्मा,बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर ( डॉक्टर) श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु, बोर्ड ऑफ यूनानी सिद्ध एवं सोवा-रिग्पा के अध्यक्ष डॉ. के. जगन्नाथन द्वारा सामूहिक रूप से इस तरह के महत्वपूर्ण प्रशिक्षण सत्र के आयोजन में एमएआरबी और क्यूसीआई के प्रयासों की सराहना की। उनके समर्थन और प्रोत्साहन से इस पहल की महत्ता का पता चला। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीईटी) के सीईओ डॉ वरिंदर एस कंवर ने किया, जिन्होंने एक व्यापक संबोधन दिया। उन्होंने क्यूसीआई के विजन और मिशन को रेखांकित किया, एनसीआईएसएम के तहत चिकित्सा आकलन में सहयोग और निरंतर सुधार के महत्व पर बल दिया। उद्घाटन सत्र का समापन एमएआरबी-आईएसएम के सदस्य डॉ सुश्रुत कनौजिया द्वारा प्रशंसा प्रस्ताव के साथ हुआ। प्रशिक्षण सत्र को सावधानीपूर्वक तीन उप-सत्रों में संरचित किया गया था: रेटिंग सत्र का अवलोकन: रेटिंग के ढांचे पर तकनीकी प्रक्रिया: एनएबीईटी-क्यूसीआई के सहायक निदेशक डॉ. गौरांग तिवारी द्वारा संचालित इस सत्र में रेटिंग ढांचे के तकनीकी पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। प्रतिभागियों को सटीक और विश्वसनीय रेटिंग के लिए आवश्यक विस्तृत प्रक्रियाओं और मानकों के बारे में शिक्षित किया गया। आईटी पोर्टल और मूल्यांकनकर्ता ऐप में तकनीकी प्रक्रिया: अंतिम सत्र का नेतृत्व एनएबीईटी-क्यूसीआई के मान्यता अधिकारी श्री सोमिल त्यागी ने किया। इस व्यावहारिक सत्र में आईटी पोर्टल और मूल्यांकनकर्ता ऐप के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे प्रतिभागियों को इन डिजिटल उपकरणों को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने और उपयोग करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस किया गया। संबंधित सत्रों के बीच में एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिससे प्रतिभागियों को संदेह स्पष्ट करने और अपने अनुभव साझा करने का मौका मिला। कार्यक्रम को अच्छी प्रतिक्रिया मिली, जिसमें प्रतिभागियों ने प्रदान किए गए व्यापक और व्यावहारिक ज्ञान की सराहना की।
A 5-days training program (13th to 17th May 2024) for trainers on "Entrepreneurship Development" for the coordinators of ASUS colleges across the country was conducted at National Institute for Micro, Small, and Medium Enterprises, Hyderabad. Thirty-four participants from ASUS colleges across the country participated in this training program.
The 8th batch inauguration ceremony was presided by Dr. K. Jagannathan, President, Board of Unani, Siddha, and Sowa-Rigpa, National Commission for Indian System of Medicine.
In this TOT program, Dr. K. Jagannathan addressed the coordinators of the Research and Innovation Cell of ASUS colleges. He further stated that "Entrepreneurship Development" is a significant initiative to enhance capacity building, with hope of starting 623 ED cells within a year. He insisted to produce at least one entrepreneur from each college within three months after completion of training in turn to produce 623 entrepreneurs all together in ISM sector. The skills of the participants have been developed in this training, which are necessary for developing "Entrepreneurial Careers and Values".
Dr. K. Jagannathan delivered an inspirational speech, shared valuable insights and motivated all the participants.
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में दिनाँक 13 से 17 मई 2024 तक होने वाले 5 दिवसीय 8th/आठवां बैच का शुभारंभ मुख्यतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बॉर्ड ऑफ़ यूनानी,सिद्धा एंड सोवा-रिग्पा के अध्यक्ष डॉ. के जगन्नाथन द्वारा किया गया। देशभर के 34 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में भाग लिया गया।
एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए इस टीओटी कार्यक्रम में बॉर्ड अध्यक्ष डॉ.के जगन्नाथन ने अपने संबोधन में कहा एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद द्वारा शैक्षणिक ज्ञान का लाभ उठाते हुए कौशल को विकसित किया जा रहा है ।
उन्होंने आगे कहा"उद्यमिता विकास" में क्षमता निर्माण में बढ़ावा देने के लिए यह एक बड़ी पहल है। जिससे एक साल के अंदर 600 से अधिक आयुष ईडी सेल शुरू होने की उम्मीद है। इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के कौशल को विकसित किया है जो "उद्यमी कैरियर और मूल्यों" को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं।
कार्यक्रम में डॉ.के .जगन्नाथन द्वारा प्रेरक भाषण रहा जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।
NATIONAL COMMISSION FOR INDIAN SYSTEM OF MEDICINE Medical Assessment and Rating Board for Indian System of Medicine (MARB ISM) has organized the 2nd batch of Training Program for Assessors of Comprehensive Assessment and Rating of ASU undergraduate Colleges across India, from the systems of Ayurveda, Siddha and Unani in association with Quality Council of India (QCI).
The program was conducted at Auditorium, First Floor, Akhil Bhartiya Ayurveda Mahasammelan, Punjabi Bagh (West), New Delhi-110026 on May 24, 2024.
The inaugural session commenced with the lighting of the lamp by the dignitaries. The session was chaired by Honorable chairman, NCISM Vaidya Jayant Deopujari sir and the other dignitaries present were Dr. Raghuram Bhat, President, Medical Assessment and Rating Board for Indian System of Medicine (MARB ISM), Dr. B. S Prasad Sir, President, Board of Ayurveda, Dr. K. Jagannathan, President, Board of Unani Siddha and Sowa Rigpa, Ms. Madhu Ahluwalia, Sr. Advisor, NABET- Quality Council of India, Dr. Dr. Arathi P.S., Member, Medical Assessment and Rating Board & Dr Sushrut Kanojia, Member, Medical Assessment and Rating Board. Dr. Arathi P.S., Member, Medical Assessment and Rating Board, NCISM formally welcomed the esteemed dignitaries and the Assessors. The Introductory address was conveyed by Dr. Raghuram Bhat, President, Medical Assessment and Rating Board for Indian System of Medicine (MARB ISM). He elaborated the background and various stages involved in the preparation of framework and regarding the pilot rating program. Later the felicitation address was delivered by Dr. B. S Prasad Sir, President, Board of Ayurveda and Dr. K. Jagannathan, President, Board of Unani Siddha and Sowa Rigpa. Dr. Prasad Sir encouraged the Faculties and highlighted the purpose of the rating process of ASU colleges while, Dr. Jagannathan Sir emphasized that quality of healthcare education will increase soon after the rating process starts. Whereas, Ms. Madhu Ahluwalia, Sr. Advisor, NABET- Quality Council of India shared her expertise. Presidential Address was delivered by honorable Chairman, NCISM Vaidya Jayant Deopujari sir wherein sir inspired the gathering with his visionary approach and highlighted the crucial role of Assessors in he whole process.
Dr. Vidya, Domain Expert, Board of Medical Assessment and Rating, NCISM, thanked all the dignitaries, Assessors and everyone who participated in the inaugural session.
The technical session was taken over by QCI. Overview of the Assessment and Rating Project was taken by Ms. Madhu Ahluwalia, Sr. Advisor, NABET- QCI. Ms. Madhu introduced the QCI Framework and emphasized on Ethical Practices for Assessors. Further, the Technical Sessions were taken over by Dr. Gaurang Tiwari, Assistant Director, NABET-QCI in which he explained the framework which is designed for rating. He resolved the queries of the assessors regarding framework. Dr. Gaurang Tiwari also presented SOPs of the Rating Process. The last session was Practical aspect delivered by Ms. Adeeba, Assistant Director, NABET-QCI in which the brief was given regarding the IT Portal & Assessors App.
भारतीय गुणवत्ता परिषद( QCI) के सहयोग से भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के मेडिकल मूल्यांकन एवं रेटिंग बोर्ड (MARB-ISM) द्वारा दिनाँक 24 मई 2024 को आयोग परिसर अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन, पंजाबी बाग (पश्चिम), नई दिल्ली -110026 के सभागार में आयोजित किया गया।
ASU कॉलेजों के मूल्यांकन एवं रेटिंग के लिए मूल्यांकनकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्धघाटन दीप प्रज्वलित द्वारा भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी द्वारा किया गया जिसमें सभी बॉर्ड अध्यक्ष,सदस्य व भारतीय गुणवत्ता परिषद के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर से आयुर्वेद, सिद्धा और यूनानी पद्द्ति के मूल्यांकनकर्ताओं ने भाग लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता एनसीआईएसएम के अध्यक्ष वैद्य श्री जयंत देवपुजारी द्वारा की गई। गणमान्य व्यक्तियों का बुक्के देकर स्वागत किया गया।
सर्वप्रथम भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के मूल्यांकन एवं रेटिंग बोर्ड (MARB-ISM) की सदस्य डॉ. आरती पी.एस ने स्वागत भाषण में औपचारिक रूप से सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों और मूल्यांकनकर्ताओं का स्वागत किया।
कार्यक्रम में भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी,मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट,बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर ( डॉक्टर) श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु,बोर्ड ऑफ यूनानी सिद्ध एवं सोवा-रिग्पा के अध्यक्ष डॉ. के. जगन्नाथन, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की सदस्य डॉ.आरती पि. एस, सदस्य,चिकित्सा मूल्यांकन और रेटिंग बोर्ड और डॉ सुश्रुत कनौजिया ने औपचारिक रूप से सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों और मूल्यांकनकर्ताओं का स्वागत किया। सभी ने स्वागत कर प्रेरक भाषण देकर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।
एनसीआईएसएम के माननीय अध्यक्ष वैद्य श्री जयंत देवपुजारी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में अपने दूरदर्शी दृष्टिकोण से सभा को प्रेरित किया और पूरी प्रक्रिया में मूल्यांकनकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
भारतीय चिकित्सा पद्धति के लिए चिकित्सा मूल्यांकन एवं रेटिंग बोर्ड (एमएआरबी आईएसएम) के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट ने परिचयात्मक भाषण दिया। उन्होंने रूपरेखा तैयार करने में शामिल पृष्ठभूमि और विभिन्न चरणों तथा पायलट रेटिंग कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया।
बॉर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष डॉ. बी.एस प्रसाद ने संकायों को प्रोत्साहित किया और एएसयू कॉलेजों की रेटिंग प्रक्रिया के उद्देश्य पर प्रकाश डाला, जबकि बोर्ड ऑफ यूनानी सिद्ध एवं सोवा-रिग्पा के अध्यक्ष डॉ. के. जगन्नाथन ने जोर दिया कि रेटिंग प्रक्रिया शुरू होने के बाद जल्द ही स्वास्थ्य शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
मूल्यांकन और रेटिंग परियोजना का अवलोकन एनएबीईटी-क्यूसीआई की वरिष्ठ सलाहकार सुश्री मधु अहलूवालिया ने किया। सुश्री मधु ने क्यूसीआई फ्रेमवर्क की शुरुआत की और मूल्यांकनकर्ताओं के लिए नैतिक व्यवहार पर जोर दिया। इसके अलावा, तकनीकी सत्र एनएबीईटी-क्यूसीआई के सहायक निदेशक डॉ. गौरांग तिवारी ने संभाला, जिसमें उन्होंने रेटिंग के लिए बनाए गए फ्रेमवर्क के बारे में बताया। उन्होंने फ्रेमवर्क के बारे में मूल्यांकनकर्ताओं के प्रश्नों का समाधान किया। डॉ. गौरांग तिवारी ने रेटिंग प्रक्रिया के एसओपी भी प्रस्तुत किए। अंतिम सत्र व्यावहारिक पहलू पर एनएबीईटी-क्यूसीआई की सहायक निदेशक सुश्री अदीबा द्वारा दिया गया, जिसमें आईटी पोर्टल और मूल्यांकनकर्ता ऐप के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई।
एनसीआईएसएम के मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की डोमेन विशेषज्ञ डॉ. विद्या ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, मूल्यांकनकर्ताओं और उद्घाटन सत्र में भाग लेने वाले सभी लोगों को धन्यवाद किया।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में दिनाँक 27 से 31 मई 2024 तक होने वाले 5 दिवसीय 9th/नोवां बैच का शुभारंभ मुख्यतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बॉर्ड ऑफ़ रेटिंग एवं आंकलन बॉर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट द्वारा किया गया। देशभर के 32 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में भाग लिया गया।
एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए इस टीओटी कार्यक्रम में बॉर्ड अध्यक्ष डॉ.रघुराम भट्ट ने अपने संबोधन में कहा एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद द्वारा शैक्षणिक ज्ञान का लाभ उठाते हुए कौशल को विकसित किया जा रहा है । उन्होंने आगे कहा"उद्यमिता विकास" में क्षमता निर्माण में बढ़ावा देने के लिए यह एक बड़ी पहल है। जिससे एक साल के अंदर 600 आयुष ईडी सेल शुरू होने की उम्मीद है। इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के कौशल को विकसित किया है जो "उद्यमी कैरियर और मूल्यों" को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। कार्यक्रम में डॉ.रघुराम भट्ट द्वारा प्रेरक भाषण रहा जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।
“Capacity Development Programme in Educational Planning and Administration for the Principals of Ayurveda, Unani, Siddha and Sowa-Rigpa Colleges”.
NIEPA begins the week-long programme (27-31 May 2024) in collaboration with NCISM, New Delhi. 30 Principals and Vice-principals from different colleges under NCISM join us at NIEPA, New Delhi.
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में दिनाँक 27 से 31 मई 2024 तक 5 दिवसीय 9th/नोवां बैच का समापन हुआ जिसमें समापन अवसर पर मुख्यतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी ने शिरकत की । । रशिक्षण में भाग लिया गया।
देशभर के 32 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में भाग लिया गया जिसमें एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए इस टीओटी कार्यक्रम में अपना संबोधन रखा। कार्यक्रम में प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी द्वारा प्रेरक भाषण रहा जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।ि और प्रेरणा सांझा की।
#विश्व_पर्यावरण_दिवस
पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में दिनाँक 5 जून को भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग(एनसीआईएसएम) द्वारा परिसर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर ( डॉक्टर) श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु,बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष प्रो. वैद्य श्री राकेश शर्मा, प्रभारी सचिव प्रोफेसर (डॉक्टर.) बी.एल.मेहरा, बॉर्ड सदस्य व सभी कर्मचारियों ने 'पर्यावरण के प्रति जागरूकता' व 'सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति' प्रतिज्ञा ली गई और परिसर में पौधारोपण किया । इस अवसर पर मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की सदस्य डॉ.आरती पि.एस,आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य प्रोफेसर डॉ.रजनी ए. नायर, प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी, प्रो. डॉ नारायण एस.जाधव, बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के सदस्य डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय, डॉ.के.के. द्विवेदी, बॉर्ड ऑफ़ यूनानी सिद्धा सोवा रिग्पा के सदस्य एस मथुकुमार, वरिष्ठ विशेषज्ञ( प्रशासन) श्री विजय आर्य व सभी कर्मचारी मौजूद रहे। (पारिस्थितिक तंत्र वह तंत्र है जिसमें पर्यावरण के जैविक व अजैविक कारण अंतसंबंधित होते हैं। पर्यावरण ही वनस्पति व जीवों के अस्तित्व का आधार है व इन्हें पोषित करता है, पर्यावरण ही पारितंत्र को नियंत्रित व संचालित करता है।)
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के चौथे स्थापना दिवस पर (11 जून 2024 ) अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ के सहयोग से ASUS (ISM पेशेवरों के लिए माइंड टू मार्केट) में अधिकारों और नवीनताओं की रक्षा के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ‘PRANA’ का आयोजन किया गया।
आयोजन के प्रथम दिन उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने वाले आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत शुरुआत की । इस कार्यक्रम में एनसीआईएसएम के अध्यक्ष वैद्य जयंत देवपुजारी, बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर ( डॉक्टर) श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु,मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट,बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष प्रो. वैद्य श्री राकेश शर्मा,बोर्ड ऑफ यूनानी सिद्ध एवं सोवा-रिग्पा के अध्यक्ष डॉ. के. जगन्नाथन, प्रभारी सचिव प्रोफेसर (डॉक्टर.) बी.एल. मेहरा,एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ. सीतारामन, एआईसीटीई. डॉ. बी. श्रीनिवास प्रसाद,डॉ. अभय जेरे उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (एनआईईपीए), रबीनारायण आचार्य, महानिदेशक, केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, डॉ. अनिल खुराना, अध्यक्ष, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग, नई दिल्ली, एनआईईपीए की कुलपति प्रो. शशिकला वंजारी,आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी, प्रो. डॉ नारायण एस.जाधव, प्रोफेसर डॉ.रजनी ए. नायर, बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के सदस्य अतुल बाबू वार्ष्णेय,डॉ के.के द्विवेदी,आंकलन एवं रेटिंग बोर्ड के सदस्य डॉ. सुश्रुत कनौजिया, बोर्ड ऑफ यूनानी,सिद्धा सोवा-रिग्पा के सदस्य डॉ. एस.मथुकुमार,मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की सदस्य डॉ.आरती पि.एस सहित स्टाफ़ व देशभर से विशेषज्ञ मौजूद रहे । मुख्यातिथि वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि इस तरह की चर्चा आयोजित करने का यह सही समय है क्योंकि इससे देश भर के शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से भारतीय चिकित्सा पद्धतियों, आयुर्वेद, यूनानी सिद्ध सोवा-रिग्पा को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आईएसएम में नवाचारों की असीम संभावनाएं हैं”। राष्ट्रीय सम्मेलन में इस संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पेटेंट किए जाने वाले नवाचारों, पेटेंट किए गए आइटमों के व्यावसायीकरण या प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, या स्टार्ट-अप की स्थापना और ISM में इनोवेटर्स को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण संख्या में नवाचारों पर विचार किया जा रहा है। एनसीआईएसएम के अध्यक्ष वैद्य जयंत देवपुजारी, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स सीसीआईएम, आयुष मंत्रालय ने कहा, “हमें ज्ञान को वस्तु के रूप में उपयोग करने की आवश्यकता है ताकि इसे संस्थानों के लिए अवसर के रूप में वापस लिया जा सके। उन्होंने सामाजिक बाधाओं और अन्य मुद्दों को पार करते हुए करीब 15000 संस्थान नवाचार परिषदों के निर्माण के लिए एमआईसी को बधाई दी और देश भर में आईआईसी की स्थापना पर विचार करने की इच्छा जताई क्योंकि इससे बौद्धिक संपदा अधिकारों के साथ-साथ नवाचार के बारे में धारणा में बड़ा बदलाव आएगा”। राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग, एनसीआईएसएम अधिनियम, 2020 के तहत गठित एक वैधानिक निक ाय है, जो राजपत्र अधिसूचना असाधारण भाग II खंड 1 दिनांक 21.09.2020 के तहत गठित किया गया है और 11 जून 2021 से लागू हुआ है, भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1970 को निरस्त कर दिया गया और भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद को भंग कर दिया गया।
आयोग सुनिश्चित करता है -
•भारतीय चिकित्सा पद्धति (आईएसएम) के पर्याप्त और उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता
•भारतीय चिकित्सा पद्धति के चिकित्सा पेशेवरों द्वारा नवीनतम चिकित्सा अनुसंधान को अपनाना
•आईएसएम चिकित्सा संस्थानों का आवधिक मूल्यांकन
•एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र। उन्होंने कहा कि स्थापना के बाद से, एनसीआईएसएम ने आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और सोवा-रिग्पा चिकित्सा प्रणालियों में चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा अनुसंधान, चिकित्सा पद्धति, क्षमता निर्माण आदि जैसे कई आयामों में पहल और सुधार किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप इन प्रणालियों का वैश्विक मानकों की ओर रूपांतरण हुआ है सर्वेक्षण निम्नलिखित से संबंधित है:
• स्वीकृत पेटेंट:115
• पेटेंट के लिए आवेदन:112
• विकसित लेकिन पेटेंट के लिए आवेदन नहीं: 183
कार्यक्रम में देश भर से 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दूसरे दिन देशभर से आये विशेषज्ञयो ने अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम मे उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी द्वारा सम्मानित किया गया।
4th Foundation- day - National Commission for Indian System of Medicine
New Delhi: The National Commission for Indian Medical Systems, on 11th June 2024 (its fourth foundation day) organized a two-day National Conference ‘PRANA’ Protecting Rights and Novelties in ASUS (Mind to Market for ISM Professionals) in Collaboration with All India Council for Technical Education & Ministry of Education’s Innovation Cell.
The seminar is being organised at the National conference, considering a significant number of innovations that ought to be patented, commercialization or technology transfer of patented items, or establish start; ups and with the purpose of handhold innovators in ISM.
Padmashree Vaidya Rajesh Kotecha, Secretary, Ministry of AYUSH, Government of India, who participated in the inauguration ceremony as the chief guest said that this is the right time to hold such a discussion as this promotes Indian systems of medicine, Ayurveda, Unani Siddha Sowa-Rigpa through educational institutions across the country. He further emphasized that the scope for innovations in ISM is infinite”
Vaidya Jayant Deopujari, Chairperson, NCISM, Board Of Governors CCIM, Ministry of Ayush said,
“We need to commoditize the knowledge to take that back as an opportunity for the Institutions. He congratulated MIC for creating close to 15000 Institute Innovation councils cutting across social odds and other issues and wanted to consider setting up IICs across the country as that will bring about a big change in perception across intellectual property rights as well as innovation”
The National Commission for Indian System of Medicine is the statutory body constituted under NCISM Act, 2020 vide Gazette notification extraordinary part II section 1 dated 21.09.2020 and came into force from 11th of June 2021, the Indian Medicine Central Council Act, 1970 was repealed and the Central Council of Indian Medicine was dissolved.
Commission ensures -
•Availability of adequate and high-quality medical professionals of Indian System of Medicine (ISM)
•Adoption of the latest medical research by medical professionals of Indian System of Medicine
•Periodic assessment of ISM medical institutions
•An effective grievance redressal mechanism
Dr. Sitaraman, Chairman AICTE, Dr. Abhay Jere, Vice Chairman, AICTE, Dr. B. Srinivasa Prasad, President of Board of Ayurveda, NCISM, Ministry of Ayush, GoI, Dr. K. Jagannathan, President, BUSS, Dr. Raghuram Bhatt, president of NCISM (MARBISM) Govt. of India, (Vaidya) Rakesh Sharma, President, Board of the Ethics and Registration for Indian System of Medicine, Prof. Shashikala G Wanjari is Vice Chancellor, National Institute of Educational Planning and Administration (NIEPA), Rabinarayan Acharya · Director General Central Council for Research in Ayurvedic Sciences, Dr. Anil Khurana, Chairperson, National Commission for Homoeopathy. Director General, Central Council for Research in Homoeopathy, New Delhi and 200 participants from a`cross the country participated in the program.
Since inception, NCISM has taken Initiatives and reforms in several dimensions such as medical education, medical research, medical practice, capacity-building etc.
in Ayurveda, Unani, Siddha, and Sowa-Rigpa medical systems which resulted in transformation of these system towards global standards. It conducted an online survey
(among ISM Professionals and students) to estimate the number types and status of such innovations. Survey related the following:
• Patents Granted:115
• Applied for Patents:112
• Developed but not applied for Patent: 183
Pic : L TO R
Vaidya Jayant Deopujari
Vaidya Rajesh Kotecha,
Dr. Sitaraman,
Dr. Raghuram Bhatt,
Dr. K. Jagannathan,
Vaidya Rakesh Sharma,
Dr. B. Srinivasa Prasad,
Dr. Abhay Jere,
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के चतुर्थ स्थापना दिवस( 11 जून 2024) को पंजाबी बाग स्थित आयोग परिसर में धूमधाम से मनाया गया ।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन ट्रस्ट के अध्यक्ष पदम श्री एवं पद्म भूषण वैद्य श्री देवेंद्र त्रिगुणा ने मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपूजारी ने की । कार्यक्रम में सभी बॉर्ड अध्यक्ष , सभी सदस्य व सभी कर्मचारियों ने भाग लिया।
10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर, भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग द्वारा परिसर में योग दिवस पर योगाभ्यास किया।
जिसमें बॉर्ड अध्यक्ष ,बॉर्ड सदस्य व कर्मचारियों ने भाग लिया। इस खास दिन पर "स्वयं और समाज के लिए योग" सभी ने किया।
#चौदहवीं_संस्थागत_योजना_एवं_ #प्रशासन_में_क्षमता_विकास कार्यशाला( 10 से 14जून ,2024)
देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और सोवा- रिग्पा के प्राचार्य हेतु संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यशाला के लिए दिनाँक 10 से 14 जून 2024 तक कार्यशाला का आयोजन नीपा संस्थान में हुआ जिसमें देशभर के 32 वरिष्ठ शैक्षणिक प्रशासक, संकाय के डीन और कॉलेजों के प्राचार्यों ने भाग लिया।
चौदहवीं कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ मुख्यातिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ यूनानी ,सिद्ध एवं सोवा रिगपा के अध्यक्ष डॉ जगन्नाथन जी ने की ।कार्यक्रम की अध्यक्षता के तौर पर नीपा कुलपति प्रोफेसर शशिकला गुलाबराव वंजारी,आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद मेम्बर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय,नीपा से प्रोफेसर कुमार सुरेश द्वारा की गई । कार्यशाला में देश भर से आये प्राचार्यों को संबंधित करते हुए आयोग के बोर्ड ऑफ यूनानी सिद्ध एवं सोवा रिग्पा के अध्यक्ष डॉ जगन्नाथन ने संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यक्रम के विस्तार, मौजूदा स्थिति व भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया । नीपा की कुलपति प्रोफेसर शशिकला वंजारी ने नीपा की विशेषता एवं कार्यक्रम की महत्ता को विस्तार से बताया। इस कार्यशाला में आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद मेम्बर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय ने कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। कार्यक्रम के निदेशक (शैक्षणिक) प्रोफेसर कुमार सुरेश ने कार्यक्रम का खाका प्रस्तुत किया और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। इस कार्यक्रम की निदेशक प्रोफेसर नीरू स्नेही और कार्यक्रम समन्वयक डॉ पी के मोहंती रहे। समापन समारोह 14 जून को संपन्न हुआ जिसमें मुख्य अथिति आयोग की ओर से डॉ राकेश शर्मा,प्रेसिडेंट बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन तथा विशिष्ट अतिथि डॉ अतुल बाबू वार्ष्णेय मेंबर बोर्ड ऑफ आयुर्वेद तथा नीपा की ओर से प्रो कुमार सुरेश रहे।उन्होंने सभी उपस्थिति प्राचार्यों को प्रमाणपत्र वितरित किए। तथा सभी प्राचार्यों से इस कार्यक्रम से प्राप्त ज्ञान को अपने महाविद्यालयों में लागू करने की अपील की।
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सचिव के रूप में श्री सच्चिदानंद प्रसाद ने दिनाँक 25/06/2024 को अपना कार्यभार ग्रहण किया। वे 1994 बैच के आई पी एवं टी ए एवं एफ एस अधिकारी है ।
आयोग के चेयरमैन वैद्य श्री जयंत देवपुजारी , सभी बोर्ड अध्यक्षों व सभी सदस्यों ने हार्दिक स्वागत किया और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी ।
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के परीक्षा कक्ष ( Examination cell ) का उद्घाटन अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन ट्रस्ट के अध्यक्ष पदम श्री एवं पद्म भूषण वैद्य श्री देवेंद्र त्रिगुणा ने परिसर में किया।
इस अवसर पर एनसीआईएसएम के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी सहित सभी बॉर्ड अध्यक्ष, मेम्बर मौजूद रहे । िष्य के लिए शुभकामनाएं दी ।
The valedictory session on Scientific Writing, Research Integrity, and Publication Ethics was convened today as part of the NCISM initiative's nationwide capacity-building program for PG guides.
The Chairman of NCISM, Vaidya Jayant Deopujari, honoured this occasion as a chief guest with a thought-provoking speech, underscoring the need to augment the calibre of publications and dissertations,
motivating PG guides to explore their subjects in greater depth and pursue fresh viewpoints.
He also encouraged participants to experiment with different research tools and approaches to promote a culture of creativity and excellence in dissertation writing.
AIIA Director Prof. (Dr.) Tanuja Nesari also focussed on various aspects of research in her speech.
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (#NCISM) के सहयोग से 24 से 26 जून तक ‘कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम फॉर पीजी गाइड्स-ए एनसीआईएसएम इनिशिएटिव’ वर्कशॉप का आयोजन ‘अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान’ की ओर से किया गया।
वैज्ञानिक लेखन,शोध अखंडता और प्रकाशन नैतिकता पर समापन सत्र के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर आयोग के अध्यक्ष वैद्य श्री जयंत देवपुजारी ने इस अवसर पर देशभर से शामिल हुए आयुष संस्थानों से करीब 54 पीजी गाइड्स सहित संबोधित करते हुए विचारोत्तेजक वक्तव्य रखे।
अपने संबोधन में उन्होंने प्रकाशनों और शोध प्रबंधों की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया, पीजी गाइडों को अपने विषयों को अधिक गहराई से तलाशने और नए दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने शोध प्रबंध लेखन में रचनात्मकता और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिभागियों को विभिन्न शोध उपकरणों और दृष्टिकोणों के साथ प्रयोग करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान( एआईआईए) की निदेशक प्रो. (डॉ.) तनुजा नेसरी ने भी अपने भाषण में शोध के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया।।
#तेरहवें_संस्थागत_योजना_एवं_ #प्रशासन_में_क्षमता_विकास कार्यशाला( 3 से 07 जून ,2024)
देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और सोवा- रिग्पा के प्राचार्य हेतु संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यशाला के लिए दिनाँक 03 से 07 जून 2024 तक कार्यशाला का आयोजन नीपा संस्थान में हुआ जिसमें देशभर के 30 वरिष्ठ शैक्षणिक प्रशासक, संकाय के डीन और कॉलेजों के प्राचार्यों ने भाग लिया। तेरहवें उद्घाटन सत्र की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ मुख्यातिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ यूनानी ,सिद्ध एवं सोवा रिगपा के अध्यक्ष डॉ जगन्नाथन जी ने की ।कार्यक्रम की अध्यक्षता के तौर पर नीपा कुलपति प्रोफेसर शशिकला गुलाबराव वंजारी,आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद मेम्बर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय,नीपा से प्रोफेसर कुमार सुरेश द्वारा की गई । कार्यशाला में देश भर से आये प्राचार्यों को संबंधित करते हुए आयोग के बोर्ड ऑफ यूनानी सिद्ध एवं सोवा रिग्पा के अध्यक्ष डॉ जगन्नाथन ने संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यक्रम के विस्तार, मौजूदा स्थिति व भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया । नीपा की कुलपति प्रोफेसर शशिकला वंजारी ने नीपा की विशेषता एवं कार्यक्रम की महत्ता को विस्तार से बताया। इस कार्यशाला में आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद मेम्बर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय ने कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। कार्यक्रम के निदेशक (शैक्षणिक) प्रोफेसर कुमार सुरेश ने कार्यक्रम का खाका प्रस्तुत किया और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। इस कार्यक्रम में निदेशक प्रोफेसर गीता रानी और कार्यक्रम समन्वयक डॉ एस के मलिक भी पूरे भारत में आयुर्वेद ,यूनानी और सिद्ध चिकित्सा कॉलेजों के प्रिंसिपलों का स्वागत करने के लिए उपस्थित रहे । समापन समारोह 7 जून को संपन्न हुआ जिसमें मुख्य अथिति आयोग की ओर से डॉ अतुल बाबू वार्ष्णेय मेंबर बोर्ड ऑफ आयुर्वेद तथा नीपा की ओर से प्रो कुमार सुरेश रहे।उन्होंने सभी उपस्थिति प्राचार्यों को प्रमाणपत्र वितरित किए। तथा सभी प्राचार्यों से इस कार्यक्रम से प्राप्त ज्ञान को अपने महाविद्यालयों में लागू करने की अपील की।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में दिनाँक 24 से 28 जून 2024 तक 5 दिवसीय 12th/बारहवें बैच का समापन हुआ जिसमें मुख्यतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बॉर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के सदस्य डॉ. कमलेश कुमार द्विवेदी ने शिरकत की ।
देशभर के 30 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में भाग लिया गया जिसमें एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए इस टीओटी कार्यक्रम में अपना संबोधन रखा। कार्यक्रम में डॉ. कमलेश कुमार द्विवेदी द्वारा प्रेरक भाषण रहा जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।
#डिजिलॉकर_एनएडी ( #DigiLocker- #NAD_in_ISM ) राष्ट्र के डिजिटलीकरण भविष्य के निर्माण,कागज रहित शासन की अवधारणा व सत्यापन प्रक्रिया को कम करके प्रशासनिक ओवरहेड को कम करने के उद्देश्य से दिनांक 5 जुलाई को भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग द्वारा डिजिलॉकर-एनएडी की बैठक का आयोजन आयोग परिसर में किया गया।
बैठक की अध्यक्षता भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष वैद्य श्री जयंतदेव पुजारी द्वारा की गई। जिसमें आयोग के बोर्ड अध्यक्ष,सचिव,सदस्य व प्रशासनिक विशेषज्ञ मौजूद रहे। राष्ट्र के डिजिटलीकरण भविष्य के निर्माण के लाभ हेतु प्रमाणक द्वारा लाखों डिजिटल दस्तावेज/तक पहुंच,नकली और जाली दस्तावेज/कागजात पर भरोसा करने का कोई जोखिम नहीं रहेगा । वही स्थायी और सुरक्षित रिकॉर्ड रखकर छात्र अपने दस्तावेज,प्रमाण पत्र को आसानी से एक्सेस और ट्रांसफर कर सकते हैं। साथ ही यह जाली प्रमाणपत्रों के जोखिम से भी बचाव करेगा। डिजिटल दस्तावेज/कागजात, सर्टिफिकेट आईटी अधिनियम, 2000 के तहत कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है । डिजिलॉकर में डिजिटल दस्तावेज/सर्टिफिकेट का सुरक्षित जारीकरण होगा।
Board of Ethics and Registration in collaboration with Goa Council for Indian System of Medicine organized meeting on National Commission for Indian system of Medicine (Ethics and Registration) Regulation 2023 and Aayushman Bharat Digital Mission at Ravindra Bhawan Shankhli Goa on 02.07.2024.
Hon'ble Chief Minister of Goa Dr Pramod Sawant graced the occasion with his valuable presence, Prof. Vd Rakesh Sharma President BoER, NCISM, Dr Rajani A Nayar Member BoER and other dignitaries are present during the meeting. Hon'ble Chief Minister of Goa Dr Pramod Sawant during his address assured that the NCISM (Ethics and Registration) Regulation 2023 will be implement in the State of Goa and reforms will be made in the Goa State ISM Council Act on the basis of the NCISM Act 2020 and NCISM (Ethics and Registration) Regulation 2023, Hon'ble CM appreciated the initiative taken by the Commission and Board for framing regulations specifically for Practitioners of ISM. Prof Vd Rakesh Sharma President BoER briefed about Right and privileges of Practitioners, Dr Rajani Nayar briefed about Code of Ethics and ABDM Registration.
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के आचार एवं पंजीकरण बोर्ड द्वारा भारतीय चिकित्सा पद्धति परिषद,गोवा के सहयोग से दिनाँक 02.07.2024 को गोवा के रवींद्र भवन शंखली में राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (आचार एवं पंजीकरण) विनियमन 2023 और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन पर बैठक का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर गोवा के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने मुख्य अतिथि के तौर पर अपनी बहुमूल्य उपस्थिति से शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम में एसीआईएसएम के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. वैद्य श्री राकेश शर्मा ,बोर्ड सदस्य डॉ. रजनी ए. नायर और अन्य गणमान्य व्यक्ति बैठक के दौरान उपस्थित रहे ।
मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करते हुए माननीय मुख्यमंत्री डॉ.प्रमोद सावंत ने अपने संबोधन के दौरान आश्वासन दिया कि NCISM (आचार एवं पंजीकरण) विनियमन 2023 को गोवा राज्य में लागू किया जाएगा और NCISM अधिनियम 2020 और NCISM (आचार एवं पंजीकरण) विनियमन 2023 के आधार पर गोवा राज्य ISM परिषद अधिनियम में सुधार किए जाएंगे ।
कार्यक्रम में एसीआईएसएम के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. वैद्य श्री राकेश शर्मा ने चिकित्सकों के अधिकारों और विशेषाधिकारों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी और अपने प्रेरक भाषण द्वारा बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की। एसीआईएसएम के आचार एवं पंजीयन बोर्ड की सदस्य डॉ. रजनी नायर ने आचार संहिता और एबीडीएम पंजीकरण के बारे में जानकारी दी।
#पंद्रहवे_संस्थागत_योजना_एवं_ #प्रशासन_में_क्षमता_विकास कार्यशाला( 24 से 28 जून ,2024) देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और सोवा- रिग्पा के प्राचार्य हेतु संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यशाला के लिए दिनाँक 24 से 28 जून 2024 तक कार्यशाला का आयोजन नीपा संस्थान में किया गया जिसमें देशभर के 30 वरिष्ठ शैक्षणिक प्रशासक, संकाय के डीन और कॉलेजों के प्राचार्यों ने भाग लिया।
पंद्रहवे कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ मुख्यातिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के चेयरमैन वैद्य श्री जयंत देवपुजारी एवं बोर्ड ऑफ यूनानी ,सिद्ध एवं सोवा रिगपा के अध्यक्ष डॉ. के. जगन्नाथन ने की जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता नीपा कुलपति प्रोफेसर शशिकला गुलाबराव वंजारी ने द्वारा की गई। भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बॉर्ड ऑफ आयुर्वेद के सदस्य डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय,नीपा से प्रोफेसर कुमार सुरेश कार्यक्रम डायरेक्टर के रूप में उपस्थित रहे। कार्यशाला में देशभर से आये प्राचार्यों को संबोधित करते हुये सभापति वैद्य जयंत देवपुजारी ने संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यक्रम के विस्तार, मौजूदा स्थिति व भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। नीपा की कुलपति प्रोफेसर शशिकला वंजारी ने नीपा की विशेषता एवं कार्यक्रम की महत्ता को विस्तार से बताया। इस कार्यशाला में आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद मेम्बर डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय ने कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। कार्यक्रम के निदेशक (शैक्षणिक) प्रोफेसर कुमार सुरेश ने कार्यक्रम का खाका प्रस्तुत किया और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। इस कार्यक्रम के निदेशक नीपा के प्रोफेसर ए के सिंह और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. चारू स्मिता मलिक रहे। समापन समारोह 28 जून को संपन्न हुआ जिसमें मुख्य अथिति आयोग की ओर से डॉ. अतुल बाबू वार्ष्णेय मेंबर बोर्ड ऑफ आयुर्वेद तथा नीपा की ओर से प्रो. कुमार सुरेश रहे। उन्होंने सभी उपस्थिति प्राचार्यों को प्रमाणपत्र वितरित किए। तथा सभी प्राचार्यों से इस कार्यक्रम से प्राप्त ज्ञान को अपने महाविद्यालयों में लागू करने की अपील की।
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग की 20 वीं बैठक का आयोजन दिनाँक 15 जुलाई 2024 को कार्यालय परिसर,पंजाबी बाग में किया गया।
बैठक की अध्यक्षता भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी द्वारा की गई । बैठक में आयोग के सचिव सहित सभी बोर्ड मेम्बर ने भाग लिया। बैठक में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई ।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में दिनाँक 15 से 19 जुलाई 2024 तक 5 दिवसीय 14th बैच का आयोजन हुआ।
5 दिवसीय इस कार्यक्रम में मुख्यतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य डॉ.नारायण एस जाधव ने शिरकत की । कार्यक्रम में देशभर के 24 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में भाग लिया गया। एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए इस टीओटी कार्यक्रम में बोर्ड सदस्य डॉ नारायण जाधव ने एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद द्वारा शैक्षणिक ज्ञान के लाभ के बारे में विकसित हो रहे कौशल के बारे में बताया । कार्यक्रम में डॉ.नारायण एस जाधव ने सभी प्रतिभागियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में दिनाँक 08 से 12 जुलाई 2024 तक 5 दिवसीय 13th बैच का आयोजन हुआ।
5 दिवसीय इस समापन कार्यक्रम में मुख्यतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के अध्यक्ष डॉ बी.एस प्रसाद व डॉ. मनोज नेसरी, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सलाहकार (आयुष) ने शिरकत की । कार्यक्रम में देशभर के 33 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में भाग लिया गया। एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए इस टीओटी कार्यक्रम में बोर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के अध्यक्ष डॉ. बी एस प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद द्वारा शैक्षणिक ज्ञान का लाभ उठाते हुए कौशल को विकसित किया जा रहा है । उन्होंने आगे कहा"उद्यमिता विकास" में क्षमता निर्माण में बढ़ावा देने के लिए यह एक बड़ी पहल है। जिससे एक साल के अंदर 600 आयुष ईडी सेल शुरू होने की उम्मीद है। इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के कौशल को विकसित किया है जो "उद्यमी कैरियर और मूल्यों" को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। कार्यक्रम में डॉ. मनोज नेसरी द्वारा प्रेरक भाषण रहा जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।
#सत्रहवां_संस्थागत_योजना_एवं_ #प्रशासन_में_क्षमता_विकास कार्यशाला( 8 से 12 जुलाई ,2024)
देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और सोवा- रिग्पा के प्राचार्य हेतु संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यशाला के लिए सोमवार दिनाँक 8से 12 जुलाई 2024 तक कार्यशाला का आयोजन नीपा संस्थान में हुआ जिसमें देशभर के 27 वरिष्ठ शैक्षणिक प्रशासक, संकाय के डीन और कॉलेजों के प्राचार्यों ने भाग लिया। सत्रहवें उद्घाटन सत्र की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई जिसमें मुख्यातिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ यूनानी सिद्धा,एवं सोवा रिगपा के अध्यक्ष प्रोफेसर ( डॉक्टर) के जगन्नाथन , सत्र की अध्यक्षता इंचार्ज कुलपति (,एनआईईपीए) प्रोफेसर ए के सिंह , एनआईईपीए के शैक्षिक प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर कुमार सुरेश, एनसीआईएसएम के आयुर्वेद बोर्ड के सदस्य डॉ. अतुल वार्ष्णेय द्वारा की गई । कार्यशाला में संस्थागत योजना एवं प्रशासन में क्षमता विकास कार्यक्रम के विस्तार, मौजूदा स्थिति व भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया गया । कार्यक्रम का प्रबंधन प्रोफेसर मधुमिता बंधोपाध्याय कार्यक्रम निदेशक,एनआईईपीए, तथा डॉ मोना कार्यक्रम समन्वयक ने किया। समापन समारोह 12 जुलाई को संपन्न हुआ जिसमें मुख्य अथिति आयोग की ओर से डॉ अतुल बाबू वार्ष्णेय मेंबर बोर्ड ऑफ आयुर्वेद तथा नीपा की ओर से प्रो कुमार सुरेश रहे।उन्होंने सभी उपस्थिति प्राचार्यों को प्रमाणपत्र वितरित किए। तथा सभी प्राचार्यों से इस कार्यक्रम से प्राप्त ज्ञान को अपने महाविद्यालयों में लागू करने की अपील की।
A training program on "Entrepreneurship Development" for trainers across all ASU colleges nationwide was organized in Hyderabad from 15 July 2024 to 19 July 2024 for 14th batch for five days. The concluding session of this five-days program featured Dr. K. Jagannathan, President, Board of Unani, Siddha and Sowa-Rigpa, National Commission for Indian System of Medicine.
The program involved 24 participants from ASU colleges nationwide. Dr. K. Jagannathan shared invaluable insights and inspiration to all the participants, highlighting the background for implementing orientation programme, the role of Research and Innovation Cell in promoting innovation and entrepreneurship, and expected outcome of the cell for the coordinators of research and innovation cells of ASU colleges, as promoted by National Commission for Indian System of Medicine and the National Institute for Micro, Small, and Medium Enterprises in Hyderabad.
The Director General of Ni-MSME Smt. Glory Swarupa motivated the participants by explaining their role in promoting entrepreneurs from ISM institutions.
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में दिनाँक 15 से 19 जुलाई 2024 तक 5 दिवसीय 14th बैच का आयोजन हुआ।
5 दिवसीय इस कार्यक्रम के समापन पर मुख्यतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ़ यूनानी सिद्धा सोवा-रिग्पा के अध्यक्ष डॉ.के जगन्नाथन ने शिरकत की ।
कार्यक्रम में देशभर के 24 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में भाग लिया गया।
एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए इस टीओटी कार्यक्रम में बोर्ड ऑफ़ यूनानी सिद्धा सोवा-रिग्पा के अध्यक्ष डॉ.के जगन्नाथन ने एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद द्वारा शैक्षणिक ज्ञान के लाभ के बारे में विकसित हो रहे कौशल के बारे में बताया ।
कार्यक्रम में डॉ.के जगन्नाथन ने सभी प्रतिभागियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में दिनाँक 15 से 19 जुलाई 2024 तक 5 दिवसीय 14th बैच का आयोजन हुआ। 5 दिवसीय इस कार्यक्रम में मुख्यतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य डॉ.नारायण एस जाधव ने शिरकत की ।
कार्यक्रम में देशभर के 24 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में भाग लिया गया। एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए इस टीओटी कार्यक्रम में बोर्ड सदस्य डॉ नारायण जाधव ने एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद द्वारा शैक्षणिक ज्ञान के लाभ के बारे में विकसित हो रहे कौशल के बारे में बताया । कार्यक्रम में डॉ.नारायण एस जाधव ने सभी प्रतिभागियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में दिनाँक 08 से 12 जुलाई 2024 तक 5 दिवसीय 13th बैच का आयोजन हुआ। 5 दिवसीय इस समापन कार्यक्रम में मुख्यतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के अध्यक्ष डॉ बी.एस प्रसाद व डॉ. मनोज नेसरी, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सलाहकार (आयुष) ने शिरकत की । कार्यक्रम में देशभर के 33 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में भाग लिया गया।
एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए इस टीओटी कार्यक्रम में बोर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के अध्यक्ष डॉ. बी एस प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद द्वारा शैक्षणिक ज्ञान का लाभ उठाते हुए कौशल को विकसित किया जा रहा है । उन्होंने आगे कहा"उद्यमिता विकास" में क्षमता निर्माण में बढ़ावा देने के लिए यह एक बड़ी पहल है। जिससे एक साल के अंदर 600 आयुष ईडी सेल शुरू होने की उम्मीद है। इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के कौशल को विकसित किया है जो "उद्यमी कैरियर और मूल्यों" को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। कार्यक्रम में डॉ. मनोज नेसरी द्वारा प्रेरक भाषण रहा जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की तृतीय बैठक दिनाँक 19 जुलाई को नई दिल्ली स्तिथ विज्ञान भवन सभागार में आयोजित की गई । बैठक का शुभारंभ श्री संदीप प्रधान,महानिदेशक एवं अध्यक्ष न.रा.क.स,श्री विष्णु कांत तिवारी, सचिव भा. खे. प्रा. एवं सयोंजक, न.रा.क.स, श्री कुमारपाल शर्मा उपनिदेशक (का.) राजभाषा,गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया गया।
बैठक में भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग से डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय, प्रभारी हिंदी अधिकारी एवं सदस्य, बोर्ड ऑफ़ आयुर्वेद, व हिंदी अनुवादक द्वारा भाग लिया गया। बैठक में लिये गए निर्णयों पर की गई अनुवर्ती कार्रवाई रिपोर्ट से अवगत कराया गया। रिपोर्टों की समीक्षा पर मुख्य बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई एवं सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने हेतू सुझाव प्रस्तुत किये गए । बैठक में #कंठ_से_लेकर_कलम_तक_और_कलम_से_लेकर_कम्प्यूटर_तक यथासभंव हिंदी में कार्य करने पर बल दिया गया ।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में दिनाँक 22 से 26 जुलाई 2024 तक 5 दिवसीय पंद्रहवे बैच (15th) का आयोजन हुआ। 5 दिवसीय इस कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्यतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य प्रो( डॉ.) सिद्धलिंगेश एम.कुदरी ने शिरकत की । द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में देशभर के 27 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में भाग लिया गया। एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए इस टीओटी कार्यक्रम में आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य प्रो(डॉ.) सिद्धलिंगेश एम. कुदरी ने एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद द्वारा शैक्षणिक ज्ञान के लाभ के बारे में विकसित हो रहे कौशल के बारे में बताया । कार्यक्रम में प्रो.(डॉ.) सिद्धलिंगेश एम.कुदरी ने सभी प्रतिभागियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में दिनाँक 5 से 9 Aug 2024 तक होने वाले 5 दिवसीय सोलहवें बैच (16th) का आयोजन हुआ।े शिरकत की । द्वारा किया गया।
5 दिवसीय इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के सदस्य प्रो( डॉ.) अतुल बाबू वार्ष्णेय ने शिरकत की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि NIT Warangal के डायरेक्टर प्रोफेसर विद्याधर सुबुधि व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान (ni-msme) की महानिदेशक डॉ सुनचू ग्लोरी स्वरूपा रहीं। कार्यक्रम में देशभर के 40 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में भाग लिया गया। एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए इस टीओटी कार्यक्रम में बोर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के सदस्य प्रो(डॉ.) अतुल बाबू वार्ष्णेय ने एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद द्वारा शैक्षणिक ज्ञान के लाभ के बारे में विकसित हो रहे कौशल के बारे में बताया । कार्यक्रम में प्रो.(डॉ.) अतुल बाबू वार्ष्णेय ने सभी प्रतिभागियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की।
पीजी काउंसलिंग के संदर्भ में भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग (NCISM), राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग ( NCH), केंद्रीय आयुष प्रवेश परामर्श समिति (AACCC) के सयुंक्त तत्वावधान में
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सम्मेलन कक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन दिनाँक 28 अगस्त को किया गया जिसमें पीजी काउंसलिंग के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।
सिविल सेवा परीक्षा में "भारतीय चिकित्सा पद्धति" को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल करने पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग में दिनाँक 23 अगस्त 2024 को एक बैठक का आयोजन हुआ,जिसमें आयोग से बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर ( डॉक्टर) श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु,
मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट, बोर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के सदस्य प्रो.( वैद्य) कमलेश कुमार द्विवेदी व देशभर से प्रशासनिक सेवा में कार्यरत जो आयुर्वेद स्नातक एवं स्नातकोत्तर उपाधिधारी हैं शामिल रहे। बैठक में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।
Ministry of Ayush represented India at 3-day WHO South-East Asia Regional Consultation in Bangkok, from Aug 20-22, 2024. The meeting focused on shaping the future of Traditional Medicine through the development of global strategy & setting research priorities for WHO South-East Asia region.
India's delegation, led by Vaidya Jayant Deopujari, Chairperson, NCISM, included Prof. Rabinarayan Acharya, DG, CCRAS; Dr. Kashinath, Director of the Morarji Desai National Institute of Yoga (MDNIY); and Dr. Ashwin Chandra, Research Officer.
आयुर्वेद शिक्षण संघ की और से शिवदर्शन स्थित राजीव गांधी एकेडमी ऑफ ई-लर्निंग स्कूल में 'आयुर्वेद में नए क्षितिज पर छठे राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमे भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट ने शिरक़त करते हुए कहा कि आयुर्वेद जितना प्राचीन है, उतना ही आधुनिक है। सभी आधुनिक विकास और तकनीक को अपनाएं और आयुर्वेद को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान या आधुनिक स्वास्थ्य शास्त्र के रूप में आगे बढ़ाएं।
बोर्ड अध्यक्ष डॉ.रघुराम भट्ट ने कहा कि शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाना हमारी जिम्मेदारी है। यदि हम इसे एक मिशन के रूप में लें तो आधुनिक समय में यह स्थिति निश्चित रूप से संभव है। विद्यार्थियों में क्षमता विकसित करें ताकि वे आत्मविश्वास से आयुर्वेदिक वैद्य के रूप में उभर सकें। यदि हम निर्णय लें तो आयुर्वेद शिक्षा विश्व स्तरीय बन सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि अपनी प्राचीन आयुर्वेदिक शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाएं।
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन द्वारा दिनाँक 21 अगस्त को आयोग परिसर में एक बैठक का आयोजन किया गया।
जिसमें आयोग के बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा ने बैठक में शामिल प्रतिभागियों की सभी शंकाओं का समाधान कर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की ।्विक स्तर पर लाएं।
देश भर के सभी एएसयूएस महाविद्यालयों में "उद्यमिता विकास" पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना के समृद्ध विकास हेतु हैदराबाद में दिनाँक 5 से 9 अगस्त 2024 तक पांच दिवसीय सोलहवें बैच (16th) का समापन हुआ।
एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए सफलतापूर्वक हुए इस टीओटी कार्यक्रम के समापन पर भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने मुख्यातिथि, आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) श्रीनिवास प्रसाद बुदुरु व बोर्ड ऑफ़ सिद्धा व सोवा-रिग्पा के अध्यक्ष डॉ.के जगनाथन ने अति विशिष्ठ अतिथि के रुप मे शिरक़त की । देशभर से 40 प्रतिभागियों द्वारा इस प्रशिक्षण में सफलतापूर्वक भाग लिया। इस आयोजन में आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने अपने संबोधन में कहा कि एएसयूएस के महाविद्यालयों के अनुसंधान और नवाचार प्रकोष्ठ के समन्वयकों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद के साथ पिछले दिनों हुए इस समझौता ज्ञापन ( MoU) द्वारा इसमें प्रशिक्षण का एक मॉड्यूल तैयार किया है जिसमें शैक्षणिक ज्ञान का लाभ उठाते हुए कौशल को विकसित किया जा रहा है । उन्होंने आगे कहा "उद्यमिता विकास" में क्षमता निर्माण में बढ़ावा देने के लिए यह एक बड़ी पहल है। जिससे एक साल के अंदर 600 आयुष ईडी सेल शुरू होने की उम्मीद है। आयोग के बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) श्रीनिवास प्रसाद बुदुरु ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के कौशल को विकसित किया है जो "उद्यमी कैरियर और मूल्यों" को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग व राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, हैदराबाद के साथ हुए समझौता ज्ञापन( MoU) से भविष्य में भी औऱ बेहतर कार्यकलापों से मॉड्यूल तैयार कर शैक्षणिक ज्ञान से कौशल को विकसित किया किया जाएगा । भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी द्वारा प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग परिसर में दिनांक 13.8.2024 को एनसीआईएसएम अधिनियम की धारा 22(2) के तहत गठित एथिक कमेटी ऑफ़ एक्सपर्ट्स की मीटिंग आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड ( बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन) द्वारा आयोजित की गई। जिसमें भारतवर्ष से चयनित एथिक्स कमेटी के सदस्य सम्मिलित हुए।
मीटिंग की अध्यक्षता एनसीआईएसएम आयोग के सभापति श्री वैद्य जयन्त देव पुजारी,आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा द्वारा की गई। बैठक में एथिक्स कमेटी ऑफ एक्सपर्ट्स सदस्यों ने सी एम ई क्रेडिट पॉइंट, इलेक्टिव, ऑन पेपर इंटर्न्स व अन्य कई महत्वपूर्ण तथ्यों पर चर्चा की गई। बैठक में आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सभी सदस्य, तकनीकी अधिकारी व देशभर से विशेषज्ञ शामिल रहे।
NCISM celebrated the 78th Independence Day. On this auspicious occasion, Vaidya Sh. Jayant Deopujari ji,
Chairman, National Commission for Indian System of Medicine hoist the tricolor flag and greeted the NCISM family.
#3D_Printing_in_Ayurveda भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग में "आयुर्वेद में 3डी प्रिंटिंग" विषय पर 3डी ग्राफी नॉलेज फोरम की बैठक का आयोजन दिनाँक 28 अगस्त को आयोग के कॉन्फ्रेंस हाल/संगोष्ठी कक्ष में किया गया। बैठक की अध्यक्षता आयोग के सभापति वैद्य जयंतदेव पुजारी द्वारा की गई।
जिसमें राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के चेयरपर्सन डॉ.अनिल खुराना,केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) के महानिदेशक प्रो.रबीनारायण आचार्य, एनसीआईएसएम के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य राकेश शर्मा, बोर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के अध्यक्ष डॉ. श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु, बोर्ड ऑफ़ यूनानी सिद्धा सोवा रिग्पा के अध्यक्ष डॉ के जगन्नाथन, होम्योपैथी शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ तारकेश्वर जैन व सदस्य डॉ. मंगेश रमेशचंद्र जाटकर व एनसीआईएसएम आयोग के बोर्ड सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में ऑनलाइन व ऑफलाइन 3D ग्राफी नॉलेज फोरम और प्रतिभागियों की टीम जिसमे डॉ. प्रकाश कटकम प्रिंसिपल, इंदिरा कॉलेज ऑफ फार्मेसी। संस्थापक - 3D फाइंग,श्री मनीष अमीन, सह संस्थापक अवाया बायोसाइंसेज, डॉ. शीतल जाम्बद, संस्थापक, एमडी, थिनर टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तकनीकी विशेषताओं के बारे में अवगत कराया। बैठक में आगामी 9 और 10 नवंबर को आईआईटी दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम 3D GEM 2024 की भी जानकारी दी गई ।
जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से संबंधित स्वायत्त निकायों में वित्तीय प्रबंधन में और बेहतर सुधार हेतु दिनाँक 2 सितंबर को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता सचिव, आयुष मंत्रालय पद्मश्री राजेश कोटेचा ने करते हुए इस कार्यशाला में भाग लेने वाले सहभागियों से महत्वपूर्ण सुझाव एवं अनुभव साझा करने के लिए अनुरोध किया।
आयुष सचिव ने बताया कि यह कार्यशाला क्वालिटी इवेंट, अधिकतम उत्पादन, मॉडल पारदर्शिता, जीएसटी रिटर्न से संबंधित विषयों एवं डिजिटल सॉल्यूशन से संबंधित प्रावधानों पर प्रतिभागियों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है। कार्यशाला में संस्थान के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा, अतिरिक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, भारत सरकार जयदीप कुमार मिश्रा, संयुक्त निदेशक प्रशासन जय प्रकाश शर्मा, उपनिदेशक चंद्रशेखर शर्मा, भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग से आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य प्रोफेसर( डॉक्टर) सिद्ध लिंगेश.एम कुदरी व लेखा विभाग से डोमेन विशेषज्ञ विवेक वत्स सहित आयुष मंत्रालय, भारत सरकार से संबंधित देश के आयुष संस्थानों से 42 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
पीजी काउंसलिंग के संदर्भ में भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग (NCISM), राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग ( NCH), केंद्रीय आयुष प्रवेश परामर्श समिति (AACCC) के सयुंक्त तत्वावधान में
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सम्मेलन कक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन दिनाँक 28 अगस्त को किया गया जिसमें पीजी काउंसलिंग के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।
#स्वच्छता_ही_सेवा_2024
#मानव_श्रृंखला Railly against use of Plastic
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग में 17 सितम्बर 2024 से 2 अक्टूबर तक मनाये जा रहे #स्वच्छता_ही_सेवा_2024 पखवाड़ा इस वर्ष की थीम#स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता के अंतर्गत दिनाँक 24 सितंबर को मानव श्रंखला बनाकर "प्लास्टिक के खिलाफ रैली" ( Railly against use of Plastic) का संदेश दिया। कार्यक्रम में भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी,आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा, एनसीआईएसएम आयोग के सचिव श्री सचिदानंद प्रसाद, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के सदस्य प्रो.( डॉ. ) बीएल मेहरा, आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य,प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी,प्रो. डॉ नारायण एस. जाधव, प्रो( हक़ीम) मोहम्मद मज़ाहिर आलम,वरिष्ठ सलाहकार (प्रशासनिक) श्री विजय कुमार आर्य,व आयोग में कार्यरत स्टाफ़ सदस्य शामिल रहे ।
#स्वच्छता_ही_सेवा_2024
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग में 17 सितम्बर 2024 से 2 अक्टूबर तक मनाये जा रहे #स्वच्छता_ही_सेवा_2024 पखवाड़ा इस वर्ष की थीम#स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता के अंतर्गत दिनाँक 20 सितंबर को जन जागरण रैली का आयोजन किया गया।
जिसमें आयोग के मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट, सचिव एन.सी.आई.एस.एम श्री सचिदानंद प्रसाद, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के सदस्य प्रो.( डॉ) सुशरुत कनोजिया,वरिष्ठ सलाहकार (प्रशासनिक) श्री विजय कुमार आर्य व कार्यरत स्टाफ़ ने भाग लिया। जागरूकता रैली परिसर के आसपास व लोगो के आवागमन के मुख्य मार्गों से निकाली।
#स्वच्छता_ही_सेवा_2024
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग में 17 सितम्बर 2024 से 2 अक्टूबर तक मनाये जा रहे #स्वच्छता_ही_सेवा_2024 पखवाड़ा इस वर्ष की थीम
#स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता के अंतर्गत दिनाँक 19 सितंबर को स्लोगन डिसप्ले ऑफ़ पेंटिंग का आयोजन किया गया जिसमें आयोग में कार्यरत स्टाफ़ ने भाग लिया।
#स्वच्छता_ही_सेवा_2024
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग में 17 सितम्बर 2024 से 2 अक्टूबर तक मनाये जा रहे #स्वच्छता_ही_सेवा_2024 पखवाड़ा इस वर्ष की थीम
#स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता के अंतर्गत दिनाँक 18 सितंबर को स्लोगन राइटिंग ऑन वाल्स का आयोजन किया गया जिसमें आयोग में कार्यरत स्टाफ़ ने भाग लिया।
#स्वच्छता_ही_सेवा_2024
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग द्वारा 14 सितम्बर 2024 से शुरू स्वच्छता_ही_सेवा_2024 पखवाडे का शुभारंभ भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा दिनाँक 17 सितंबर 2024 को परिसर में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी द्वारा किया गया जिसमें मंचासीन,आयोग के सभापति, एनसीआईएसएम आयोग के सचिव श्री सचिदानंद प्रसाद, आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा ने बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा करते हुए विचार रखे। कार्यक्रम के अंतर्गत एन.सी.आई.एम चेयरपर्सन वैद्य जयंत देव पुजारी ने सभी बोर्ड अध्यक्ष,मेम्बर व कार्यरत स्टाफ़ को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई । स्वच्छता अभियान की इस वर्ष की थीम थीम *#स्वभाव_स्वच्छता_संस्कार_स्वच्छता* के बारे में बताते हुए सभापति महोदय ने स्वच्छता के प्रति शपथ दिलाने के उपरांत कहा कि स्वच्छता का विचार केवल स्वच्छता पखवाड़ा के अनुपालन तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह एक निरंतर प्रयास होना चाहिए, जो धीरे-धीरे हमारे जीवन में इस तरह से शामिल हो सके, जिससे यह लोगों की एक आदत बन जाए। उन्होंने आगे कहा कि अपने आसपास गंदगी न फैलने दे और सफ़ाई अभियान में गति लाये । उन्होंने स्वच्छ भारत के भाग के रूप में एक स्वच्छता पहल, श्रमदान में शामिल होने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत एक सांझा प्रयास व जिम्मेदारी है और हर प्रयास मायने रखता है। स्वच्छ भविष्य का स्वागत करने के लिए इस श्रेष्ठ प्रयास में भागीदार बनें।'' कार्यक्रम में मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के सदस्य प्रो.( डॉ. ) बीएल मेहरा, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की सदस्य प्रो.आरती पीएस ,बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के सदस्य डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय, बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के सदस्य ,प्रो. डॉ नारायण एस. जाधव, प्रो( डॉ.) रजनी ए.नायर, प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के सदस्य प्रो.( डॉ) सुशरुत कनोजिया,बोर्ड ऑफ़ यूनानी, सिद्धा एवं सोवा रिग्पा के सदस्य डॉ.एस. मथुकुमार,आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य प्रो( हक़ीम) मोहम्मद मज़ाहिर आलम व आयोग में कार्यरत स्टाफ़ सदस्य शामिल रहे । कार्यक्रम में धन्यवाद संबोधन आयोग के सचिव श्री सचिदानंद प्रसाद द्वारा दिया गया। कार्यक्रम की सफ़लता में वरिष्ठ सलाहकार (प्रशासनिक) श्री विजय कुमार आर्य का विशेष सहयोग रहा।
#हिंदी_दिवस.....#हिंदी_पखवाड़ा
दिनाँक 14 सितंबर से 30 सितंबर तक मनाये जाने वाले हिंदी पखवाड़ा का शुभारंभ भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा दिनाँक 17 सितंबर 2024 को परिसर में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंत देवपुजारी द्वारा किया गया जिसमें मंचासीन,आयोग के सभापति, एनसीआईएसएम आयोग के सचिव श्री सचिदानंद प्रसाद, आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा ने बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा करते हुए विचार रखे। कार्यक्रम में सभी ने हिंदी पखवाड़ा पर अपने विचार रखते हुए ,हिंदी की महत्वता, प्रचार-प्रसार पर बल दिया गया। हिंदी प्रचार प्रसार,विभागीय तालमेल में हिंदी को अधिक से अधिक लोकप्रिय बनाने व राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशो की अनुपालनार्थ पर जोर दिया व अनुभवों को सांझा किया। वही राजभाषा नियम अधिनियम से संबंधित उपबंध, उपधाराओं, राजभाषा अधिनियम 1963,राजभाषा संकल्प 1968,राजभाषा नियम 1976,संसदीय राजभाषा समिति की सिफारिशों पर महामहिम राष्ट्रपति के आदेश एवं राजभाषा द्वारा जारी दिशा निर्देश ,वार्षिक कार्यक्रम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी और जैसे कंठस्थ टूल ,भाषणी ऐप, वाइस टाइपिंग ,यूनी कोड इत्यादि की जानकारी सांझा की । कार्यक्रम में आयोग के सभापति द्वारा सभी को हिंदी बोलने एवं कार्यालय में हिंदी में ज्यादा से ज़्यादा कामकाज करने की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के सदस्य प्रो.( डॉ. ) बीएल मेहरा, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की सदस्य प्रो.आरती पीएस ,बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के सदस्य डॉ.अतुल बाबू वार्ष्णेय, बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के सदस्य ,प्रो. डॉ नारायण एस. जाधव, प्रो( डॉ.) रजनी ए.नायर, प्रो.डॉ सिद्धलिंगेश एम. कुदरी, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के सदस्य प्रो.( डॉ) सुशरुत कनोजिया,बोर्ड ऑफ़ यूनानी, सिद्धा एवं सोवा रिग्पा के सदस्य डॉ.एस. मथुकुमार,आचार एवं पंजीयन बोर्ड के सदस्य प्रो( हक़ीम) मोहम्मद मज़ाहिर आलम व आयोग में कार्यरत स्टाफ़ सदस्य शामिल रहे । कार्यक्रम में धन्यवाद संबोधन आयोग के सचिव श्री सचिदानंद प्रसाद द्वारा दिया गया। कार्यक्रम की सफ़लता में वरिष्ठ सलाहकार (प्रशासनिक) श्री विजय कुमार आर्य का विशेष सहयोग रहा।
#भारत_मंडपम
राजभाषा विभाग हिंदी के राजभाषा बनने के 75 वर्ष पूरे होने के,हिंदी दिवस के सुअवसर पर आयोजित राजभाषा हीरक जयंती समारोह और चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन दिनांक 14-15 सितंबर 2024 को नई दिल्ली स्तिथ भारत मंडपम में आयोजित हुआ जिसका उद्घाटन माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने किया।
कार्यक्रम में भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग से सचिव श्री सचिदानंद प्रसाद, आयोग के बोर्ड सदस्य, प्रो.(डॉ.) अतुल बाबू वार्ष्णेय, प्रो(डॉ.) नारायण एस जाधव ने भाग लिया। कार्यक्रम में हिंदी के राजभाषा बनने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया। इसके अलावा माननीय गृह मंत्री जी ने ‘राजभाषा भारती’ पत्रिका के हीरक जयंती विशेषांक का लोकार्पण किया और राजभाषा गौरव तथा राजभाषा कीर्ति पुरस्कार भी दिए। इस अवसर पर माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने अपने संबोधन में कहा कि राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए यह जरूरी है कि हम अपनी सभी स्थानीय भाषाओं को मजबूत करें और राजभाषा का इनके साथ संवाद स्थापित हो। हिंदी और स्थानीय भाषाएं एक दूसरे की पूरक हैं और इसीलिए भारतीय भाषा अनुभाग हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच संबंध को मजबूत करेगा। गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय समारोह में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और राज्यसभा उपसभापति हरिवंश, विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, पूर्व गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा, राज्यसभा संसद सदस्य सुधांशु त्रिवेदी, विख्यात कवि कुमार विश्वास,बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर व प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे।
राष्ट्रव्यापी अभियान ‘देश का प्रकृति परीक्षण’ के लिए
आयुष मंत्रालय तैयार
आयुर्वेद के उपचार को घर-घर तक पहुंचाना है – प्रतापराव जाधव
इस अभियान के माध्यम से शोध क्षेत्र का सबसे बड़ा रिसर्च सैंपल साइज़ प्राप्त होगा
नई दिल्ली, 13 सितंबर 2024 : आयुर्वेद के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव जाधव की संकल्पना और मार्ग दर्शन में आयुर्वेद क्षेत्र में शोध के साथ ही आयुर्वेद के बारे में जन जागृति करने हेतु ‘देश का प्रकृति परीक्षण’ अभियान पूरे देश में आयोजित करने की तैयारियों को लेकर एक बैठक का आयोजन भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान, नई दिल्ली में किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव जाधव द्वारा शिरक़त करते हुए दीप प्रज्वलित द्वारा विधिवत शुरुआत हुई। इस अवसर पर आयुष मंत्री श्री जाधव ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जो विश्वास करके मुझे इस मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी है। इसे निभाते हुए आयुर्वेद को हर घर तक ले जाना है और आगे बढ़ाना है। उन्होंने आगे कहा कि बीमारी के आखिरी स्टेज में भी आयुर्वेद ने लोगों का उपचार किया है और जीवनदान दिया है। हमें मिलजुलकर आयुर्वेद के उपचार को घर-घर तक पहुंचाना है। उन्होंने आगे कहा कि आयुर्वेद में आधुनिकता के लिए ही हमने "देश का प्रकृति परीक्षण"अभियान शुरु किया है। सामान्य मेडिकल स्टोर की तरह जगह-जगह पर आयुष के विशेष मेडिकल स्टोर खोले जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा आयुष मंत्रालय की स्थापना इसलिए कि गई ताकि हर घर तक आयुर्वेद पहुँचे और हर व्यक्ति सवस्थ हो । इस सपने को साकार करने के लिए आयुष मंत्रालय आयुर्वेद को जन जन तक अपनी भागीदारी निभा रहा है। और इस सपने को हम सभी जल्द साकार करेंगे। आयुष मंत्रालय सचिव आयुष वैद्य श्री राजेश कोटेचा ने कहा कि प्रकृति परीक्षण अभियान को विज्ञान के आधार पर एथिकल क्लियरेन्स और डॉक्युमेंटेशन के साथ किए जाने की तैयारी हो रही है। आयुष मंत्रालय, उसकी टीम और आयुर्वेद जगत से जुड़े लोगों का इस अभियान में विशेष योगदान है और हम इस अभियान के माध्यम से बहुत बड़ी सफ़तला अर्जित करके दिखाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति की अपनी विशिष्ट प्रकृति होती है जो जन्म के समय ही निश्चित हो जाती है। प्रकृति का ज्ञान व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु महत्वपूर्ण होता है। इस अवसर पर एनसीआईएसएम के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने कहा कि इस अभियान के लिए आयुष मंत्रालय से जुड़ी सभी संस्थाओं को एक सूत्र में जोड़ा गया और सभी राज्यों के कोऑर्डिनेटर्स ने इस अभियान में अपनी सहभागिता की है। एक नोडल एजेंसी के तौर पर एनसीआईएसएम इसे सफल बनाने का प्रयास कर रही है। साथ ही इसकी सफलता के लिए मंत्रालय के सभी संस्थान समग्र रूप से कार्य कर रहे हैं। इस अभियान को चलाने हेतु देश के सभी आयुर्वेद महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले स्नातक छात्र जिनकी संख्या लगभग 1 लाख 35 हजार है तथा स्नातकोत्तर शिक्षा ग्रहण करने वाले लगभग 20 हजार छात्र, इन महाविद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन कराने वाले 18 हजार अध्यापक और देश में चिकित्सक के रूप में सेवा प्रदान करने वाले लगभग 3 लाख से अधिक चिकित्सक, ऐसे कुल मिलाकर लगभग 4 लाख 73 हजार लोग इस अभियान में स्वयं सेवक के रूप में प्रकृति परीक्षण का कार्य संपादित कराएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इनके माध्यम से एक माह में एक करोड़ से अधिक नागरिकों का प्रकृति परीक्षण किया जा सकेगा। इस अभियान के माध्यम से शोध क्षेत्र का सबसे बड़ा रिसर्च सैंपल साइज़ प्राप्त होगा जिससे यह सामान्य भ्रांति दूर की जा सकेगी कि आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध कार्य नहीं होते। बैठक में पतंजलि आयुर्वेद के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण जी ने भी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की। बैठक में आयोजन समिति से डॉ आषुतोष गुप्ता ने देश का प्रकृति परीक्षण’ अभियान के बारे मे विस्तार से बताया और देशभर से जुड़े आयर्वेद के विशेषज्ञों से सुझाव लिए । कार्यक्रम के अंत मे आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा ने आयोग की तरफ से सभी अतिथियों का शामिल होने पर आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल मंच संचालन एनसीआईएसएम के सचिव श्री सचिदानंद प्रसाद द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में माननीय आयुष मंत्री जी के साथ लोकसभा सांसद श्री अनुराग शर्मा, सचिव आयुष मंत्रालय वैद्य राजेश कोटेचा, एनसीआईएसएम अध्यक्ष वैद्य जयंत देव पुजारी, अध्यक्ष पतंजलि आयुर्वेद आचार्य बालकृष्ण,कार्यक्रम बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष डॉ. श्रीनिवास प्रसाद बुदुरु, मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट,आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा, अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के अध्यक्ष वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा ने अपनी सहभागिता दर्ज की। कार्यक्रम में देशभर से जुड़े आयुर्वेद जगत के विशेषयग्य,एनसीआईएसएम के बोर्ड मेम्बर भी उपस्थित रहे।
#3D_Printing_in_Ayurveda
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग में "आयुर्वेद में 3डी प्रिंटिंग" विषय पर 3डी ग्राफी नॉलेज फोरम की बैठक का आयोजन दिनाँक 28 अगस्त को आयोग के कॉन्फ्रेंस हाल/संगोष्ठी कक्ष में किया गया।
बैठक की अध्यक्षता आयोग के सभापति वैद्य जयंतदेव पुजारी द्वारा की गई। जिसमें राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के चेयरपर्सन डॉ.अनिल खुराना,केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) के महानिदेशक प्रो.रबीनारायण आचार्य, एनसीआईएसएम के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य राकेश शर्मा, बोर्ड ऑफ़ आयुर्वेद के अध्यक्ष डॉ. श्रीनिवासन प्रसाद बुदुरु, बोर्ड ऑफ़ यूनानी सिद्धा सोवा रिग्पा के अध्यक्ष डॉ के जगन्नाथन, होम्योपैथी शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ तारकेश्वर जैन व सदस्य डॉ. मंगेश रमेशचंद्र जाटकर व एनसीआईएसएम आयोग के बोर्ड सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में ऑनलाइन व ऑफलाइन 3D ग्राफी नॉलेज फोरम और प्रतिभागियों की टीम जिसमे डॉ. प्रकाश कटकम प्रिंसिपल, इंदिरा कॉलेज ऑफ फार्मेसी। संस्थापक - 3D फाइंग,श्री मनीष अमीन, सह संस्थापक अवाया बायोसाइंसेज, डॉ. शीतल जाम्बद, संस्थापक, एमडी, थिनर टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तकनीकी विशेषताओं के बारे में अवगत कराया। बैठक में आगामी 9 और 10 नवंबर को आईआईटी दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम 3D GEM 2024 की भी जानकारी दी गई ।
पीएम मोदी के प्रयास से जन जन तक पहुंचा आयुर्वेद:- जाधव
प्रधानमंत्री के प्रयास से आयुर्वेद की बढ़ी पहचान:- जाधव
‘देश का प्रकृति परीक्षण’ अभियान से बढ़ेगा देश का गौरव:- प्रतापराव जाधव
‘देश का प्रकृति परीक्षण’ आयुर्वेद के विकास में होगा मिल का पत्थर: जाधव
नई दिल्ली, 27 सितंबर 2024 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयुष मंत्रालय स्थापित कर जो देश- विदेश में भारतीय चिकित्सा पद्द्ति को जन जन तक पहुंचाया है अब देश का प्रकृति परीक्षण अभियान भी देश को आगे बढ़ाएगा। ये कहना है केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप रावजाधव जी का। केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री आज शुक्रवार को भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग द्वारा नई दिल्ली स्तिथ सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित मुख्य अतिथि शामिल हुए बोल रहे थे। कार्यक्रम में देशभर से आयुर्वेद जगत से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हुए। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत भगवान धनवंतरी को दीप प्रज्वलित द्वारा की गई । जिसमें सचिव आयुष मंत्रालय पद्मश्री राजेश कोटेचा, एनसीआईएसएम आयोग के सभापति वैद्य जयन्त देव पुजारी,वैद्य मनोज नेसरी, सलाहकार आयुर्वेद आयुष मंत्रालय,एनसीआईएसएम आयोग के आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा,आयोजन समिति के सचिव डॉ. आशुतोष गुप्ता, मौजूद रहे। कार्यक्रम में आयुर्वेद क्षेत्र में शोध के साथ ही आयुर्वेद के बारे में जन जागृति करने हेतु ‘देश का प्रकृति परीक्षण’ अभियान पूरे देश में आयोजित करने के लिए अपने विचार रखे। आयुष मंत्री श्री जाधव ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जो आयुष मंत्रालय का गठन किया है इसे निभाते हुए हमने आयुर्वेद को हर घर तक ले जाकर आगे बढ़ाना है। आयुर्वेद में आधुनिकता के लिए ही "देश का प्रकृति परीक्षण" अभियान की शुरुआत की है ताकि हर घर तक आयुर्वेद पहुँचे और हर व्यक्ति स्वस्थ हो । इस सपने को साकार करने के लिए आयुष मंत्रालय आयुर्वेद को जन जन तक अपनी भागीदारी निभा रहा है। और इस सपने को हम सभी जल्द साकार करेंगे। आयुष मंत्रालय सचिव आयुष वैद्य श्री राजेश कोटेचा ने कहा कि 'प्रकृति परीक्षण अभियान' को विज्ञान के आधार पर एथिकल क्लियरेन्स और डॉक्युमेंटेशन के साथ किए जाने की तैयारी हो रही है। आयुष मंत्रालय, व उसकी टीम आयुर्वेद जगत से जुड़े लोगों का इस अभियान में साथ जोड़कर विशेष योगदान से इस अभियान के माध्यम से बहुत बड़ी सफ़तला अर्जित करके दिखाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति की अपनी विशिष्ट प्रकृति होती है जो जन्म के समय ही निश्चित हो जाती है। प्रकृति का ज्ञान व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु महत्वपूर्ण होता है। इस अवसर पर एनसीआईएसएम के सभापति वैद्य श्री जयंत देव पुजारी ने कहा कि इस अभियान के लिए आयुष मंत्रालय से जुड़ी सभी संस्थाओं को एक सूत्र में जोड़ा गया और सभी राज्यों के कोऑर्डिनेटर्स ने इस अभियान में अपनी सहभागिता की है। एक नोडल एजेंसी के तौर पर एनसीआईएसएम इसे सफल बनाने का प्रयास कर रही है। साथ ही इसकी सफलता के लिए मंत्रालय के सभी संस्थान समग्र रूप से कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम में आयोजन समिति के सचिव डॉ. आशुतोष गुप्ता ने देश का प्रकृति परीक्षण’ अभियान के बारे मे विस्तार से बताया और देशभर से जुड़े आयर्वेद के विशेषज्ञों से सुझाव लिए व बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा सांझा की। कार्यक्रम मे अखिल भारतीय आयुर्वेद की डायरेक्टर डॉ तनुजा नेसरी ने पॉवर पॉइंट प्रस्तुत कर विचार दिए। आयोग की तरफ से सचिव श्री सचिदानंद प्रसाद ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में माननीय आयुष मंत्री जी के साथ सचिव आयुष मंत्रालय वैद्य राजेश कोटेचा, एनसीआईएसएम अध्यक्ष वैद्य जयंत देव पुजारी,आचार एवं पंजीयन बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य श्री राकेश शर्मा, आयोजन समिति के सचिव डॉ आशुतोष गुप्ता ने अपनी सहभागिता दर्ज की। कार्यक्रम में देशभर से जुड़े आयुर्वेद जगत के विशेषयग्य, एनसीआईएसएम के बोर्ड मेम्बर भी उपस्थित रहे।
एक पेड़ मां के नाम" अभियान के अंतर्गत भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के
अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा कार्यालय परिसर में स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम में 22 सितंबर को वृक्षारोपण किया गया।
#स्वच्छता_ही_सेवा_2024
आयोग में "स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता" अभियान के अंतर्गत 29 सितंबर को स्वच्छता_ही_सेवा_2024 पखवाड़ा में भाग लिया गया। को वृक्षारोपण किया गया।
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग मे दिनाँक 30 सितंबर को स्वच्छता के सिपाहियों को सम्मानित किया गया। 2024
#स्वभाव_स्वच्छत_संस्कार_स्वच्छता
#shs2024 #स्वच्छता_ही_सेवा_2024या।
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग में दिनांक 01अक्टूबर को स्वच्छता अभियान पखवाड़ा के अंतर्गत
"रक्तदान शिविर" का आयोजन किया गया जिसमें आयोग से बढ़-चढ़कर भाग लिया गया।
एक पेड़ मां के नाम" अभियान के अंतर्गत भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के माननीय सभापति ,बोर्ड अध्यक्ष ,
बोर्ड सदस्य व अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा कार्यालय परिसर में स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम में 02 को वृक्षारोपण किया गया।
National Commission for Indian Systems of Medicine,
Medical Assessment & Rating Board, NCISM
Workshop for drafting Ayurveda Process hand book
New Delhi:- (28/10/2024):- Medical Assessment & Rating Board, Indian Systems of Medicine, NCISM is conducting a workshop for drafting Ayurveda Process Handbook at NCISM office on 24th, 25th and 26th October 2024.
The board is entrusted with the responsibility of determining the process of assessment of ASU institutions as per NCISM Act 2020. The task of preparing Ayurveda Process Handbook got commenced officially on 5th September 2024 by Vaidya Jayant Deopujari, Chairman, NCISM. It was followed by a series of virtual discussions in the preparatory phase.
Three days workshop commenced on 24th with a formal inaugural session. Total 32 resource persons form various Ayurveda institutions have been invited to take part in the workshop.
Inaugural session 10am- 11am, 24th October- Programme started with lighting the lamp by Dr. B.S. Prasad, President, Board of Ayurveda, NCISM and other dignitaries and with Dhanwantari Vandana by Dr. Tanya, Junior Technical Officer. Dr. Arathi P.S., Member, Medical Assessment and Rating board, NCISM welcomed the dignitaries and resource persons.
Dr. B.S. Prasad, President BOA delivered the inaugural address. He highlighted the prominent features of Minimum Essential Standards, Assessment & Rating for Ayurveda Undergraduate institutions & teaching hospitals regulation 2024 and briefed on the necessity of preparing process handbook. He also appreciated the initiative taken by Medical Assessment & Rating board in this regard.
Dr. Raghuram Bhat, President, MARB-ISM, gave the presidential address. He enlightened the audience about the gross outline of Ayurveda Process handbook and how it will be beneficial for all the stakeholders. He also acknowledged the contribution of resource persons during the preworkshop phase.
Shri Sachidanand Prasad, Secretary, NCISM felicitated the programme. He lauded the Board for its commitment and emphasized that the handbook should be very simple and comprehensive.
Dr. B.L. Mehra and Dr. Sushrut Kanaujia, Members, MARB-ISM were present during the occasion, Dr. Sushrut Kanaujia delivered vote of thanks to the dignitaries.
On the second day, Honorable chairman claimed an interactive session with the expert group. Valuable inputs were derived in the session.
On the final day, the workshop concluded with a valedictory function chaired by the President MARBISM. The expert members shared their experience at the workshop.
#राष्ट्रीय_एकता_दिवस_2024
देश के पहले उप प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 149वीं जयंती (31अक्टूबर) दिवाली त्यौहार के मद्देनजर दिनांक 29 अक्टूबर को भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग परिसर मे एकता दौड़ का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय एकता दिवस 2024 भारतीय नागरिकों को राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए प्रेरित करने का दिन है। भारत सरकार द्वारा 2014 में शुरू किया गया यह दिन सरदार वल्लभभाई पटेल के एक नए स्वतंत्र भारत को एक साथ लाने के अथक प्रयासों को मान्यता देता है, जो सैकड़ों रियासतों में विभाजित था। तब से, राष्ट्रीय एकता दिवस जिसे राष्ट्रीय एकता दिवस 2024 के रूप में भी जाना जाता है, राष्ट्र की एकता बनाए रखने के प्रति जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए एकता दौड़ का आयोजन किया जा रहा है। आयोग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एकता दौड़ में आयोग के मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट, सचिव श्री सच्चिदानंद प्रसाद सहित सभी बोर्ड सदस्यों,व स्टाफ़ ने भाग लिया।
#राष्ट्रीय_एकता_दिवस
देश के पहले उप प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 148वीं जयंती (31अक्टूबर) दिवाली त्यौहार के मद्देनजर दिनांक 29 अक्टूबर को भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग परिसर मे जयंती मनाई गई।
आयोग के मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट ने सचिव श्री सच्चिदानंद प्रसाद सहित सभी बोर्ड सदस्यों,व स्टाफ़ को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई गई। माननीय बोर्ड अध्यक्ष डॉ. रघुराम भट्ट ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस हमें राष्ट्र की एकता के लिए प्रतिबद्ध होने और एक भारत, श्रेष्ठ भारत के निर्माण की दिशा में काम करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र निर्माण में सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने देश के लोगों को एकता के सूत्र में पिरोते हुए नवभारत का निर्माण किया, जिसके लिए उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है, राष्ट्र उनका सदैव ऋणी रहेगा। सरदार पटेल जी का जीवन व उनकी दूरदर्शिता व राष्ट्र-समर्पण सदैव युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन करता रहेगा। उन्होंने कहा कि आज के दिन हमें उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को भी स्मरण करना चाहिए जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शपथ.... "मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता/लेती हूं कि मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयत्न करुंगा/करूंगी। मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा/रही हूं जिसे सरदार वल्लभ भाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्यनिष्ठा से संकल्प करता/करती हूं।"
भगवान धनवंतरी जयंती पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2024 के लिए थीम "वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार"(" Ayurveda Innovation For Global Health") के
अवसर पर भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा परिसर में भगवान धनवंतरी जी की पूजा अर्चना कर मनाया गया।
धनवंतरी जयंती (धनतेरस) व दीपोत्सव के अवसर पर भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा परिसर को रंग बिरंगी लाईट,
रंगोली व लड़ियों से पूरे परिसर को स्टाफ़ द्वारा सजाया गया।्चना कर मनाया गया।
#सतर्कता जागरूकता सप्ताह*
भारतीय चिकित्सा पद्द्ति राष्ट्रीय आयोग द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह 28 अक्टूबर, 2024 से 3 नवंबर, 2023 तक विषयवस्तु *"सत्यनिष्ठा की संकृति से राष्ट्र की सम्रद्धि"* * " Culture of Integrity for Nation's Prosperity* के साथ मनाया जा रहा है।
जागरूकता सप्ताह के प्रथम दिवस पर कार्यालय परिसर में *सतर्कता जागरूकता शपथ* दिलाई गई । जिसमें आयोग के सभापति वैद्य श्री जयंतदेव पुजारी द्वारा सभी बोर्ड अध्यक्ष, सदस्य व कर्मचारियों को शपथ दिलाई गई। जीवन के सभी क्षेत्रों में ईमानदारी से कानून के शासन का पालन करने के संकल्प के साथ सभी कार्यों को निष्ठापूर्वक पारदर्शी तरीके से करने, सार्वजनिक हित में कार्य करने व व्यक्तिगत व्यवहार में ईमानदारी का उदाहरण पेश करने का संकल्प लिया। साथ ही सभी ने भ्रष्टाचार की किसी भी घटना की रिपोर्ट उचित एजेंसी को करने का वचन दिया। निर्धारित शपथ पत्र के अतिरिक्त माननीय सभापति ने कर्मचारियों के समूह को संबोधित करते हुए पुन: आह्वाहन किया कि भ्रष्टाचार की किसी भी घटना की जानकारी तुरंत अधिकारियों के संज्ञान में लाई जाए। कार्यक्रम में सभी बोर्ड अध्यक्ष, सदस्य व स्टाफ़ उपस्थित रहा।
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